नोएडा

विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने वेस्ट यूपी के इन दो नेताओं पर लगाया दांव, यह है इन नेताओं का बैकग्राउंड

मेरठ की डॉ. सरोजिनी और बिजनौर से अशोक कटारिया के किस्मत खुली

नोएडाApr 15, 2018 / 08:02 pm

Iftekhar

Katiyar

नोएडा. भजपा ने विधान परिषद चुनावों के लिए अपने प्रत्याशियों की लिस्ट रविवार को जारी कर दी है। इस लिस्ट में 10 प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इस लिस्ट में बिजनौर से भाजपा के कद्दावर नेता अशोक कटारिया और मेरठ से भाजपा नेत्री सरोजनी अग्रवाल को भी शामिल किया गया है। इनके अलावा भाजपा ने बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, जयवीर सिंह, विद्या सागर सोनकर, विजय बहादुर पाठक और अशोक धवन को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

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बिजनौर के अशोक कटारिया को भाजपा ने एमएलसी का टिकट है। वह बिजनौर के चांदपुर तहसील हीमपुर पृथिया के रहने वाले हैं। पेशे से वे किसान हैं। उन्हें अपना राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू की। इस दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से 1988 में जुड़े। इसके बाद वे ABVP के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। अशोक 2003 से 2007 तक भारतीय युवा मोर्चा के महामंत्री रहे। इसके बाद 2010 से 2011 युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। कुल मिलाकर अशोक कटारिया भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं। अब भाजपा ने उन्हें एमएलसी का टिकट दिया है। अशोक कटारिया की उम्र लगभग 45 वर्ष है।

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मेरठ की डॉ. सरोजनी अग्रवाल को भी मिला एमएलसी का टिकट

डा. सरोजिनी अग्रवाल पेशे से चिकित्सक हैं। डा. सरोजिनी अग्रवाल 22 साल से सपा में रही इस दौरान वह एमएलसी भी बनी। जुलार्इ 2017 में भाजपा उन्होंने सपा छोड़कर भाजपा ज्वाइन की। डॉ. सरोजिनी अग्रवाल को 1995 में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सपा ज्वाइन करार्इ थी। इसके बाद वह 1995 से 2000 तक जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं। साथ ही वह 1996 से 2010 तक सपा की राष्ट्रीय सचिव भी रहीं। 2009 से 2015 तक वह सपा से विधान सभा सदस्य (एमएलसी) रही। 2015 में वह फिर से एमएलसी चुनी गर्इ। सपा में मुलायम-अखिलेश के बीच तकरार से वह आहत हुर्इ और उन्होंने पिछले साल भाजपा का दामन थाम लिया। डॉ. सरोजिनी अग्रवाल सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां के करीबी नेताओं में शुमार किया जाता था। सपा छोड़कर भाजपा में जाने से पहले डॉ. सरोजिनी अग्रवाल ने एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया था।

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