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प्रीती चौधरी ने पार्टी में महिलाओं की अनदेखी से नाराज होकर भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पत्रिका संवाददाता राहुल चौहान से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि में विगत पांच वर्षों से भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी थी। मैंने पार्टी द्वारा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के लिए चलाए जा रहे लौह संग्रहण कार्यक्रम के दौरान पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। उसकेे बाद लगातार पार्टी के सभी कार्यक्रमों तन-मन से भाग लिया और हर संभव कार्य किया। साथ ही 2014 के लोकसभा चुनाव में मैंने मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र से टिकट के लिए दावेदारी भी की थी।
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टिकट न मिलने के बावजूद मैं पार्टी में सक्रिय रही। उसके बाद मुझे भाजपा महिला मोर्चा में क्षेत्रीय मंत्री का दायित्व दिया गया। मैं भाजपा की आदर्श छवि महिलाओं का सम्मान करने वाली पार्टी के रूप में देखती थी। लेकिन वास्तविकता कुछ और निकली। मैं वर्तमान राजनीतिक माहौल में अपने आपको असहज महसूस करती हूं। इसलिए मैं भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने के साथ ही राजनीति से भी सन्यास ले रही हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि सभी राजनीतिक पार्टियों में महिलाओं की स्थिति एक जैसी है, उनको कहीं भी सम्मान नहीं मिलता बल्कि उनका राजनीतिक रूप से अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुझे पार्टी व संगठन के किसी भी व्यक्ति से व्यक्तिगत रूप से कोई शिकायत नहीं है।