साथ ही जयंत चौधरी ने कहा कि ‘जिन्ना हारा, गन्ना जीता’ इस उपचुनाव में भाजपा के लिए जहां सीएम योगी सहित डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी प्रचार किया था। साथ ही केशव मौर्या ने कई दिन तक रुककर क्षेत्र में कैंप किया था, जिसके बाद उनकी तबियत भी खराब हो गई थी। इस हार से जहां भाजपा को तगड़ा झटका लगा है, वहीं रालोद को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इस जीत से रालोद से छिटका हुआ उसका जाट-मुस्लिम वोटबैंक फिर से जुड़ गया है। इस उपचुनाव में रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गांव-गांव जाकर वोट मांगे थे।
यह लोकसभा चुनाव भाजपा सांसद हुकुम सिंह की फरवरी माह में बीमारी के चलते हुई मौत के बाद हुआ है। भाजपा ने सहानुभूति का लाभ लेने के लिए दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को ही उम्मीदवार बनाया था। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उसे हार का सामना करना पड़ा है। वहीं इस जीत के साथ रालोद का 16वीं लोकसभा में खाता खुल गया है। हालांकि नवनिर्वाचित सांसद तबस्सुम हसन एक वर्ष से भी कम समय तक ही सांसद रह पाएंगी क्योंकि अगले साल ही 2019 में लोकसभा का आमचुनाव प्रस्तावित है।