अब 13 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह डॉ महेश शर्मा के लिए एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे। सूचना है कि आने वाले समय में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एक बार फिर मुख्यमंत्री खुद नोएडा आकर एक बड़ी जनसभा को संबोधित कर सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ बात करें तो सपा, कांग्रेस और आम आदमी के गठबंधन के प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर अपना चुनाव प्रचार अकेले ही करते नजर आ रहे हैं। उनके समर्थन में अभी तक गठबंधन का कोई बड़ा नेता नोएडा नहीं पहुंचा है।
बसपा ने भी अपने कैंडिडेट राजेंद्र सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है। लेकिन माना जा रहा है कि गौतमबुद्ध नगर में बीजेपी को छोड़ अन्य पार्टियों में लड़ाई नंबर एक नहीं, बल्कि नंबर 2 की पोजीशन के लिए है। नंबर 1 पर पिछले दो चुनावों से बीजेपी ही काबिज है।
साल 2009 में अस्तित्व में आई थी यह सीट
गौतमबुद्ध नगर की यह सीट 2009 से अस्तित्व में आई। 2009 में पहली बार यह सीट बसपा ने जीती थी। पहले सांसद सुरेंद्र नागर बने थे। डॉक्टर महेश शर्मा उस समय पहली बार चुनाव में खड़े हुए और महज 15 हजार मतों से हारे थे। लेकिन, 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में महेश शर्मा ने 2 लाख 90 हजार और 3 लाख 30 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की। 2019 में सपा और बसपा मिलकर लड़े थे। तब सतवीर नागर प्रत्याशी थे। उस वक्त गठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
माइग्रेंट वोटर्स देते हैं ‘जीत की गारंटी’
यहां ज्यादातर लोग अन्य जिलों से और राज्यों से आकर बसे हुए हैं। गौतमबुद्ध नगर में माना जाता है कि सबसे ज्यादा वीवीआईपी वोटर्स की संख्या है, जिनमें पूर्व गवर्नर, सांसद, विधायक, सिविल सर्वेंट आदि रहते हैं। गौतमबुद्ध नगर जिला यूपी का राजस्व देने वाला नंबर वन जिला है।