सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग की बात मानते हुए नई गाइड लाइन जारी की थी। मुताबिक एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तुरंत मुकदमा दर्ज करने के लिए इंकार किया गया। साथ ही सीओ रैंक के अधिकारी से जांच की बात कहीं गई थी। यह दलितों को रास नहीं आई और दलितों ने भारत बंद किया था। दलितों के विरोध को देखते हुए बिल को वापस ले लिया था। इसका विरोध सवर्ण कर रहे है।
अखिल भरतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय संयोजक युवा मोर्चा पंडित रविंद्र शर्मा और गौतम बुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष पंडित अशोक वैद्य ने बताया कि इस कानुन लागू होने से हिंदूओं में रंजिशें बढ़ेंगी। रंजिश का फायदा अन्य धर्म के लोग उठा सकते है। कानून में संशोधन नहीं किया गया तो सवर्ण और ओबीसी वर्ग के किसी भी व्यक्ति को फर्जी केस के जरिए फंसाया जा सकता है। बिल की वजह से बगैर जांच ही पुलिस जेल भेज देगी। ऐसा पहले भी हो चुका है। साथ ही यह दुश्मनी निकालने का एक बड़ा हथियार होगा। दलितों के प्रति जरनल वर्ग में घृणा पैदा होगी।
उन्होंने बताया कि इसकी वजह से सवर्ण समाज विरोध कर रहा है। रविंद्र शर्मा ने बताया कि भारत बंद के दौरान मार्केट, व्यापारिक प्रतिष्ठा आदि को बंद किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत बंद का समर्थन ओबीसी वर्ग ने भी किया है। भारत बंद के दौरान ओबीसी भी साथ रहेंगे।