इसलिए मनाया जाता है, भैया दूज
यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए मिलने चले गए। यमुना अपने भाई को देख खुश हो गईं। उन्होंने भाई के लिए खाना बनाया और स्वागत किया। बहन का प्यार देखकर यमराज बहुत खुश हुए। इसी खुशी में यम ने बहन के घर से विदा लेने से कुछ क्षण पहले बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। यमुना ने उनके इस आग्रह को सुन कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं, तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आए और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे। बताया जाता है इसी के बाद हर साल भैया दूज का त्यौहार मनाया जाता है।
इस समय करें भार्इ दूज ये है शुभ समय
पंडित जी बताते हैं कि भार्इ दूज के दिन बहन भार्इ को तिलक कर नारियल देती है। उनकी आरती उतारते हुए मुंह मिठा कराती है। पंडित जी के अनुसार इस बार यह त्यौहार 21 अक्टूबर दिन शनिवार को रहेगा। इसके साथ ही बहनों द्वारा तिलक कर भार्इ दूज करने का अति शुभ समय दोपहर 1:37 बजे से द्वितीया तिथि समाप्त 3:00 बजे 22 अक्टूबर तक चलेगा। इस बीच बहनें भार्इ दूज कर सकती हैं। जो काफी शुभ रहेगा।