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भाजपा के लिए आई अब तक की सबसे बुरी खबर, आला नेताओं में फैली बेचैनी

किसानों ने लिया बड़ा फैसला भाजपा विधायकों का गांवों में करेंगे बहिष्कार

नोएडाMay 29, 2018 / 02:10 pm

Iftekhar

भाजपा के लिए आई अब तक की सबसे बुरी खबर, आला नेताओं में फैली बेचैनी

मेरठ. इस्टर्न पैरिफेरल का उद्घाटन करने बागपत पहुंचे पीएम मोदी ने गन्ना किसानों पर जमकर डोरे डाले थे। पीएम मोदी ने किसानों को हर तरह का आश्वासन दिया था, लेकिन किसानों को गुस्सा अब भी बरकार है। ऐसा लगता है मानो अब किसानों ने ठान लिया हो, जैसे कि अब जुमलेबाजी में नहीं फंसना है और अपना हक अपने तरीके से लेना है। यही वजह है कि गन्ना भुगतान की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों ने बड़ा एेलान कर दिया है। किसानों ने घोषणा की है कि पूर्ण भुगतान होने तक गांवों में भाजपा विधायक का बहिष्कार जारी रहेगा। इस दौरान ‘गन्ना भुगतान नहीं तो वोट नहीं’ का नारा भी दिया गया। अजगर नामक किसान मजदूर संगठन के बैनर तले किनौनी और नंगलामल के किसान पिछले चार दिन से कमिश्नरी चौराहा पर धरने पर चौधरी चरण सिंह पार्क में धरने पर बैठे हुए हैं। इन लोगों का आरोप है कि दोनों मिलों पर किसानों का करोड़ों रुपए बकाया है, लेकिन पिछले पांच माह से भुगतान ही नहीं किया गया है। धरनास्थल पर हुई बैठक में किसानों ने अपने संघर्ष को राजनीतिक रंग देते हुए कहा कि जब तक चीनी मिल ब्याज के साथ उनके गन्ने का भुगतान नहीं करेंगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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बैठक में किसानों ने यह प्रस्ताव भी पास किया कि भुगतान न होने तक भाजपा विधायकों का गांवों में बहिष्कार किया जाएगा। इस मौके पर किसानों ने गन्ना भुगतान नहीं तो वोट नहीं का नारा दिया। अजगर के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ महक सिंह और प्रदेश अध्यक्ष जिले सिंह जैनपुर के अलावा भारतीय किसान आंदोलन व उप्र व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर पूर्ण समर्थन किया। इनके अलावा धरने पर एके त्यागी, नत्थन सिंह, कुलदीप कुमार, अमरीश त्यागी, जितेंद्र मोहन शरण, भीकम सिंह जैनपुर, पं. ओमप्रकाश, करन, अनिल कुमार, मोहन सिंह नेगी, नेहा त्यागी, रजनी अग्रवाल, गौरव, चारू, सोनू आदि मौजूद रहे।

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बागपत में पीएम मोदी ने यह किया था ऐलान

इस्टर्न पैरिफेरल का उद्घाटन करने बागपत पहुंचे पीएम मोदी ने गन्ना किसानों की समस्या पर बात करते हुए कहा था कि मैं यहां के गन्ना किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार उनकी दिक्कतों के प्रति संवेदनशील है और बहुत कड़ाई के साथ गन्ना किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन हमें पता है कि इसमें किस तरह का खेल होता है। इसलिए ये राशि चीनी मिलों को न देकर सीधे गन्ना किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इससे गन्ना किसानों का पैसा चीनी मिलों में फंसेगा नहीं। गन्ना किसानों को चीनी मिलों से बकाया मिलने में देरी न हो, इससे जुड़ा एक बड़ा फैसला हाल में लिया गया है। सरकार ने तय किया है कि प्रति क्विंटल गन्ने पर 5 रुपए 50 पैसे की आर्थिक मदद चीनी मिलों को दी जाएगी। इससे गन्ने के 5 करोड़ किसानों को सीधा लाभ होगा। वहीं, इथेनॉल से जुड़ी पॉलिसी में बड़ा बदलाव पर बोलते हुए पीएम ने कहा था कि अब पेट्रोल में इथेनॉल की 10 प्रतिशत ब्लेन्डिंग को भी स्वीकृति दी जा चुकी है। यहां के गन्ना किसानों के लिए भी हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है। पिछले वर्ष ही हमने गन्ने का समर्थन मूल्य लगभग 11 प्रतिशत बढ़ाया था। खेत से निकलकर बाजार तक पहुंचने से पहले किसानों की उपज बर्बाद न हो, इसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए के निवेश वाली प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना पर काम किया जा रहा है। ये योजना पश्चिम यूपी के आलू पैदा करने वाले किसानों की भी मदद करेगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यूरिया की सौ प्रतिशत नीम कोटिंग, प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में विस्तार से भी किसान को लाभ पहुंचा है। किसान को लागत का डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य भी हमारी सरकार ने सुनिश्चित करना तय किया है।

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