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रिजवान मियां पेश करेंगे हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल, प्रशासन के सामने रखी बड़ी शर्त पार्टी की इस अहम बैठक से सपा संरक्षक मुलायम सिंह और आजम खान के मौजूद न रहने से यूपी के सियासी गलियारों में तमाम तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं। आपको बता दें कि मोहम्मद आजम खान पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। साथ ही वह और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम रामपुर जिले से समाजवादी पार्टी के विधायक भी हैं। इस तरह से आजम खान का पार्टी की एक अहम बैठक में शामिल न होना चर्चा का केंद्र बन गया है। सूत्रों के मुताबिक आजम खान सपा द्वारा बसपा के साथ गठबंधन से नाराज हैं। वे नहीं चाहते कि पार्टी बसपा के साथ गठबंधन करे। इस बारे में जब उनसे बात करने की कई बार कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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RLD उपाध्यक्ष जयंत चौधरी का बड़ा बयान, बोले- अजीत सिंह लड़ेंगे 2019 का चुनाव, नहीं लिया सन्यास आपको बता दें कि इससे पहले आगरा में हुए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव विधायक शिवपाल सिंह यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मतभेदों के चलते शामिल नहीं हुए थे। हालांकि शिवपाल व रामगोपाल यादव के बीच पिछले कुछ समय में दूरी कम हुई है और पिछले दिनों वह रामगोपाल यादव के जन्मदिन के मौके पर भी सैफई गये थे और वहां दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया था। इसके बावजूद भी शिवपाल सिंह यादव की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में वापसी न होना कई सवाल खड़े करता है। सपा के गठन के बाद यह पार्टी की 11वीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक थी।
यह भी देखें-कृषि विज्ञान केंद्र की समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे केंद्रीय मंत्री वी.के सिंह बैठक के बाद समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता व राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि समाजवादी पार्टी चुनाव आयोग से मांग करेगी कि लोकसभा चुनाव बैलट पेपर से कराए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग ने उनकी बात नहीं मानी तो वह दूसरे दलों से बात करेंगे और फिर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में गठबंधन करने का अधिकार समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को दिया गया है। अब वही गठबंधन की सीटों की रूपरेखा तय करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी चाहेगी तो वह संभल से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।