बता दें कि बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को सपा से गठबंधन तोडऩे का ऐलान कर दिया। मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी का व्यवहार बसपा को यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि क्या ऐसा करके आगे भाजपा को हरा पाना संभव नहीं है। इसलिए बसपा आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनावों में अकेले ही अपने बूते पर लड़ेगी। उनके बयान के बाद से उत्तर प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है। इस मामले में सपा के नवनिर्वाचित सांसदों ने मोर्चा खोल दिया है। आजम खान ने मायावती को नसीहत देते हुए कहा है कि इस तरह के फैसले अकेले नहीं लिए जाते हैं। दोनों नेताओं को एक साथ बैठकर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मायावती अगर यह बयान नहीं देती तो अच्छा था।
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सपा-बसपा का गठबंधन नहीं टूटेगा: बर्क वहीं इस मामले में संभल लोकसभा सीट से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि अभी बसपा से गठबंधन खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों का फायदा इसी में है कि चुनाव एक साथ लड़ें। उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि सपा-बसपा का गठबंधन नहीं टूटेगा। इस बार लोकसभा चुनाव में जितनी भी सीट आई हैं वह दोनों दलों के प्रयास से ही आई हैं। मायावती और अखिलेश यादव में बात नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों के बीच बात हुई है। कुछ लोग गठबंधन टूटने की अफवाह को हवा देने का काम कर रहे हैं। यह भी पढ़ें