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बैठक में 12 विभागों के अधिकारियों ने मनन कर दी मंजूरी
यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि सोमवार को जेवर एयरपोर्ट को लेकर एक बैठक हुर्इ थी। इस बैंठक में अलग अलग 12 विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मौजूद समिति के सदस्यों के सामने जेवर एयरपोर्ट के लिए तैयार करार्इ गर्इ टेक्निकल इकनाॅमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीईएफआर) रखी गर्इ। इस पर अधिकारियों ने सभी तथ्यों आैर रिपोर्ट को देखकर मंथन करने के बाद जेवर एयरपोर्ट के निर्माण को मंजूरी दे दी है। वहीं उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में 8 गांवों की 1327 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी।इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने अधिग्रहण का प्रस्ताव तैयार कर जिलाधिकारी को सौंप दिया गया है।
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दो माह बाद ही जारी किया जाएगा टेंडर
वहीं अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट के निर्माण के लिए दो माह बाद यानी जून माह तक अब नोडल एजेंसी बिड डॉक्युमेंट तैयार कर ग्लोबल टेंडर जारी करेगी। इसके बाद अक्टूबर माह में एयरपोर्ट निर्माण का शिलान्यास करने का लक्ष्य रखा गया है। जो उक्त समय पर किया जाएगा। वहीं देश के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट को 2023 तक शुरू कर दिया जाएगा।
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अब इस विभाग से मांगी जाएगी अनुमति
उड्डयन मंत्रालय से अनुमति के बाद जल्द ही यमुना प्राधिकरण अधिकारी पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी लेने के लिए आवेदन करेंगे। हालांकि जिले का वन विभाग पहले ही एयरपोर्ट बनने के लिए मंजूरी दे चुका है। वहीं अधिकारियों का दावा है कि जिस जमीन पर एयरपोर्ट बन रहा है। वहां पर वन क्षेत्र नहीं है। एेसे में पर्यावरण मंत्रालय से भी बिना किसी अड़चन के जल्द अनुमति मिल सकती है।