इस ज्योतिष ने 9 साल पहले बता दिया था, कब होगी अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु
नोएडा। 16 अगस्त शाम 5.05 बजे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एम्स में निधन हो गया। इसके बाद पूरा देश शोक में डूब गया। इसके बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया गया। वहीं, इस मौके पर हम आपको एक ऐसे ही लीजेंड के बारे में बताते हैं, जिन्होंने करीब नौ साल पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी थी कि उनकी और अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु एक माह के अंतराल में होगी।
महाकवि नीरज और अटल बिहारी वाजपेयी में थी समानताएं हम बात कर रहे हैं महाकवि गोपाल दास नीरज की। दैनिक जागरण में छपी खबर के अनुसार, अटल बिहारी वाजपेयी और गोपाल दास नीरज में काफी समानताएं थीं। दोनों ही अच्छे दोस्त भी थे। अटल बिहारी वाजपेयी और गोपाल दास नीरज दोनों ही बेहतरीन कवि थे। इसके साथ ही वह ज्योतिष विद्या में भी माहिर थे। गोपालदास नीरज ने एक साक्षात्कार के दौरान यह भविष्यवाणी की थी कि उनकी मौत के बाद एक माह के अंतराल में अटल बिहारी वाजपेयी की मौत हो गई थी। इसी साल महाकवि गोपाल दास नीरज का निधन 19 जुलाई को हुआ था। नीरज के निधन के करीब 28 दिन बाद उनके दोस्त ने दुनिया को शोक में छोड़ दिया।
जनवरी 2009 की है बात दैनिक जागरण में छपी खबर के मुताबिक, बात जनवरी 2009 की है। मेरठ में दिए एक साक्षात्कार में गोपाल दास नीरज ने अपने और अटल बिहारी वाजपेयी की दोस्ती की कुंडली बताई थी। उन्होंने कहा था, दोनों की कुंडली लगभग समान है। शनि देव दोनों के लिए खास हैं।
देखें वीडियो:अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर उनकी सहयोगी रही पूर्व सांसद ने जताया दुखनौ साल पहले बता दिया था आज का हाल उनका कहना था कि शनि ने उन्हें रंक से राजा बनाया। वह गीतों के राजकुमार बन गए और अटल जी देश के। शनिदेव ही उन दोनों के महाप्रयाण का सबब बनेंगे। नौ साल पहले उन्होंने दावा किया था कि दुनिया को अलविदा कहने से कुछ साल दोनों को गंभीर रोगों से दो-चार होना पड़ेगा। वह गंभीर बीमार होते हुए भी अपने हाथ-पैर चलाते रहेंगे जबकि अटल बिहारी वाजपेयी कोमा में चले जाएंगे। गोपाल दास ने यह भी भविष्यवाणी की थी कि शनि के ही प्रभाव के कारण दोनों की मत्यु 30 दिन के अंतराल में होगी।
तांगे के पैसे भी नहीं बचे थे अब दोनों ही इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। हम आपको उनकी दोस्ती का एक किस्सा और सुना रहे हैं। गोपाल दास नीरज और अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में कवि सम्मेलन के लिए ट्रेन से आगरा पहुंचे थे। वहां से उन्हें आगे लिए अ्रेन पकड़नी थी। लेकिन ट्रेन लेट हो गई और कवि सम्मेलन का पंडाल खाली हो चुका था। उस समय उनके पास तांगे के पैसे भी नहीं बचे थे। बाद में उन्होंने सम्मेलन के संयोजक से बात करके अगले दिन एक अन्य गोष्ठी में काव्य पाठ किया था।