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बसपा सुप्रीमो मायावती के खास इस पूर्व सांसद का हुआ निधन, दिग्गज नेता को हराकर जीता था चुनाव वह हमेशा कहते थे कि लोगों से मिलकर मुझमें ऊर्जा का संचार होता है। जब भी उनके सुरक्षाकर्मी लोगों को पास आने से रोकते थे तो वह नाराज हो जाते थे। वह कहते थे कि ये मेरे अपने हैं, मुझे इनसे कोई खतरा नहीं हो सकता। मेरे अपने लोगों को मुझसे मिलने से मत रोक, इन्हें मेरे पास आने दो। मुझे उन्होंने कई बार डांटते हुए कहा था कि सुनील तुम लोगों को क्यों रोकते हो। उन्होंने जनता को हमेशा सम्मान दिया और जीवन में सर्वोपरि रखा। पूर्व प्रधानमंत्री की अमरीका यात्रा की योदों को ताजा करते हुए सुनील जून ने बताया कि मैं सुरक्षा के लिए अटलजी का साया बनकर हमेशा उनके साथ रहता था। जब हम अमरीका पहुंचे तो वहां बसे भारतीय उनसे मिलने के लिए उत्साहित थे। अटल जी को देखकर वह उनसे मिलने के लिए बढ़े, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से हमने उन्हें रोक दिया तो अटल जी ने सबके सामने हमें डांटते हुए कहा कि अरे ये हमारे लोग हैं। इन्हें मेरे पास आने दो और बाद में वह उन लोगों से खुलकर मिले।
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इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में दादरी भी आए थे। उन्होंने विधान सभा चुनाव में दादरी से भाजपा प्रत्याशी नवाब सिंह नागर के समर्थन में मिहिर भोज कालेज में जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान मिहिर भोज कालेज में पैर रखने के लिए भी जगह नहीं बची थी। दादरी में पहली बार किसी नेता की सभा में इतनी अधिक भीड़ उमड़ी थी। उन्होंने अपने भाषण से जनता में ऐसी अमिट छाप छोड़ी कि चुनाव का पासा ही पलट गया।
इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में दादरी भी आए थे। उन्होंने विधान सभा चुनाव में दादरी से भाजपा प्रत्याशी नवाब सिंह नागर के समर्थन में मिहिर भोज कालेज में जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान मिहिर भोज कालेज में पैर रखने के लिए भी जगह नहीं बची थी। दादरी में पहली बार किसी नेता की सभा में इतनी अधिक भीड़ उमड़ी थी। उन्होंने अपने भाषण से जनता में ऐसी अमिट छाप छोड़ी कि चुनाव का पासा ही पलट गया।
यह भी देखें-अटल बिहारी वाजपेयी को बेटी नमिता ने दी मुखाग्नि प्रचार के दौरान तीसरे नंबर पर चल रहे भाजपा प्रत्याशी नवाब सिंह नागर 21 हजार वोटों से चुनाव जीत गए और दादरी सीट पर पहली बार कमल खिला। अटल जी की सभा का ही नतीजा रहा कि आजादी के बाद पहली बार भाजपा ने दादरी में परचम लहराते हुए जीत हासिल की। इससे पहले दादरी में कांग्रेस और जनता दल का दबदबा रहता था।