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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किए गए फॉरेंसिक ऑडिट में यह बात साफ तौर पर कही गई है कि आम्रपाली ग्रुप ने साक्षी धोनी की कंपनी रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौता किया था। उसके तहत होम बायर्स के पैसे को अवैध तरीके से रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को डायवर्ट किया गया। नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को भी नकद में शेयर पूंजी दी गई और सभी खर्चों का भुगतान नकद में ही किया गया। यह जांच के घेरे में है। उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से महेंद्र सिंह धोनी और साक्षी धोनी की कंपनियों की जांच करने और डायवर्ट की गई रकम को वापस लाने की मांग की है।
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नेफोवा की महासचिव श्वेता भारती ने कहा कि सच तो यही है कि धोनी के आम्रपाली के ब्रांड एंबेसडर बनने के बाद ही लोगों का विश्वास आम्रपाली पर बढ़ा और हजारों लोगों ने अपने आशियाने के लिए पैसा लगाया। वह खुद भी धोनी को देखकर ही आम्रपाली के प्रोजेक्ट में घर बुक कराया था। उन्होंने कहा कि कोई कितना बड़ा क्रिकेट स्टार क्यों न हो, अगर उसके या उसकी कंपनी द्वारा आम्रपाली फ्लैट के खरीदारों के पैसे का हेर-फेर किया गया है तो उसके खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई कर धन को वापस लाना चाहिए। श्वेता भारती ने उन सभी छोटी-बड़ी कंपनियों की जांच कर पैसों की रिकवरी की मांग की है, जिन्हें आम्रपाली ग्रुप द्वारा गलत ढंग से फंड डायवर्ट किया गया है।