काम करने जा रहे किसान की पलक झपकते ही एेसे चली गर्इ जान इसी क्रम में अब एमिटी स्कूल द्वारा की गई फीस में वृद्धी के विरोध में पेरेंट्स ने शुक्रवार सेक्टर-27 स्थित कैंप कार्यालय पर डीएम से मुलाकात की और उनसे दखल देकर शासन के नियमों का पालन कराने की मांग की। इसके साथ ही एमिटी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के पेरेंट्स ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा है।
यह भी देखें: बलात्कार केस में आसाराम को हुई सजा के बाद उलेमा ने कही ये बड़ी बात इस दौरान एक पेरेंट आशीष ने बताया कि स्कूल की तरफ से उन्हें अप्रैल से जून तक की फीस का इनवायस मिला है। जिसमें बहुत ज्यादा फीस बढ़ोत्तरी की गई है। यह फीस पिछली फीस के मुकाबले लगभग 400 प्रतिशत अधिक है जो कि नियमानुसार नहीं है। उनका कहना है कि स्कूल शिक्षा के लिए है, यह नोट छापने का स्थान नहीं है। स्कूल को स्कूल ही रहने दिया जाए, उसे उद्योग न बनाया जाए।
वहीं दूसरे पेरेंट विनय प्रकाश ने बताया कि स्कूल द्वार फीस के अलावा मिसलेनियस आइटम के नाम पर भी बहुत ज्यादा पैसा लिया जा रहा है। एक बच्चे से एसी के नाम पर 6 हजार रुपये लिए जा रहे हैं। जो कि समझ से परे है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पहले भी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। हम अब दोबारा आए हैं। मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर कहा जा रहा है कि स्कूल सरकार के नियमों को नहीं मान रहे हैं।
डीएम बीएन सिंह का कहना है कि पेरेंट्स की समस्याओं को सुना गया है। उन्हें नियमानुसार शिकायत देने को कहा गया है। नए नियम के अनुसार मंडल स्तर पर एक कमेटी बनी है। उसे 15 दिन का समय दिया जाए। इसके बाद समिति के फैसले को जिला प्रशासन लागू कराएगा।