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उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी ने बताया कि बीजेपी ने हिंदुत्व को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था। 2019 में भी बीजेपी हिंदूत्व को मुद्दा बना रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी हिंदूत्व के मुद्दे पर सफल नहीं हुई है। यहीं वजह है कि उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना हिंदूत्व को मुद्दा बनाकर यूपी में लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। इसकी तैयारियां शुरु कर दी गई है। 15 अक्टूबर को मथुरा में रैली कर चुनावी बिगूल फूंक दिया गया है। अमित जानी ने खुद चुनाव लड़ने का भी दावा किया है। जानी ने बताया कि 2019 लोकसभा चुनाव में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस भी लोकसभा से चुनाव लड़ेंगे, मैं भी उनके सामने मैदान में उतरुंगा। मोदी जहां वोट मांगते हैं, हिंदूत्व की बात करते है। लेकिन अभी तक तमाम मुद्दों पर बीजेपी असफल रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना सरकार की पोल खोलकर बीजेपी को घेरेंगी। वहीं मथुरा के सुरीर में अमित जानी मथुरा, आगरा और नोएडा की संयुक्त रैली कर नवनिर्माण सेना भाजपा के खिलाफ चुनावी बिगुल फूंका है। मथुरा से विकास कुमार, आगरा से शंभूनाथ रैगर और नोएडा से ठाकुर हरिओम सिसौदिया को अपना उम्मीदवार बनाया है।
अखलाक हत्याकांड का आरोपी इस केंद्रीय मंत्री के सामने लड़ेगा चुनाव राजस्थान के राजसमंद में मुस्लिम की हत्या करने वाले आरोपी शंभूलाल रैगर को चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है। शंभूलाल रैगर उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना ने दादरी के अखलाक हत्याकांड के मुख्य आरोपी रूपेन्द्र को चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है। अखलाक की हत्या के आरोपी को गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। यह केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा के सामने चुनाव लड़ेगा। कवाल कांड में मृत सचिन और गौरव के पिता को मुजफ्फरनगर सीट से, अलीगढ़ से पार्टी ने सिंगर विकास कुमार को उम्मीदवार बनाया है।
यह है अमित जानी मेरठ का रहने वाला अमित जानी लखनऊ में मायावती की मूर्ति तोड़कर रातों रात सुर्खियों में आया था। खुद को सपा का करीबी बताने वाला अमित जानी ने महाराष्ट्र में हुए उत्तर भारतीयों पर हमले के दौरान उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना का गठन किया था। यह शिवसैनिकों से भी दुश्मनी मानता है।
सुर्खियों में रहने का शौकीन है जानी सुर्खियों में रहने के शौकीन अमित ने उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना का गठन किया है। अमित तभी चर्चा में आया था, जब 2009 में महाराष्ट्र में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने हिंदी भाषियों का उत्पीड़न किया था। उसने 2010 में छीपीटैंक स्थित शिवसेना कार्यालय में आगजनी और तोड़फोड़ की।
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