यह भी पढ़ें— OMG इस चोर के पास है इतनी संपत्ति जानकर आप भी रह जाएंगे दंग उल्लेखनीय है कि कैराना में नाम वापसी प्रक्रिया के बाद अब चुनाव मैदान में कुल 14 प्रत्याशी ही रह गए हैं। हालांकि कुल 16 प्रत्याशियों ने पर्चा भरा था। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह और रालोद प्रत्याशी तबस्सुम के बीच माना जा रहा है। क्योंकि तबस्सुम को सपा से गठबंधन का फायदा मिल सकता है। जातीय समीकरणों को साधते हुए रालोद-सपा की ओर से कुल 40 स्टार प्रचारकों की सूची बनाई गई है। जिसमें अखिलेश यादव, आजम खां, अजित सिंह और जयंत चौधरी प्रमुख हैं। वहीं भाजपा की ओर से विधायक सुरेश राणा, दलित नेता और राज्यसभा सांसद कांता कर्दम के अलावा कई दिग्गज नेताओं ने मोर्चा संभाल रखा है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जल्द आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। हालांकि जारी की गई सूची में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव , रामगोपाल और शिवपाल यादव का नाम नहीं है। यह बात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
यह भी पढ़ें— चुनाव से पहले ईमानदारी से काम करने पर इस आईपीएस को योगी के मंत्री ने दी धमकी हर वर्ग को साधेगा गठबंधन सपा-रालोद गठबंधन ने हर वर्ग को साधने की तैयारी की है। महिलाओं को जोड़ने का जिम्मा रालोद प्रमुख अजित सिंह की पुत्र वधु चारू चौधरी को दिया गया है तो मुस्लिमों को लुभाने के लिए पीस पार्टी अध्यक्ष डॉ. अय्यूब को भी अपना स्टार प्रचारक बनाया है। वहीं रालोद के सभी नेताओं को अब गांवों में जाकर डेरा डालने का आदेश दिया गया है। वे गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क करेंगे।
यह भी पढ़ें— पतंजलि को लेकर बड़ा खुलासा: आचार्य बालकृष्ण के नाम से हो रहा था ऐसा काम भाजपा ने की किलेबंदी 2019 के आम चुनाव से पहले गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनावों में करारी शिकस्त झेलने के बाद बीजेपी के लिए कैराना उपचुनाव नाक का सवाल बन चुका है। बीजेपी किसी भी कीमत पर अपनी इस सीट को खोना नहीं चाहती है। जिसके लिए कैराना में नेताओं और कार्यकताओं ने मोर्चा संभाला हुआ है। इतना ही नहीं विपक्ष की सेंधमारी को नाकामयाब करने के लिए पार्टी ने कैराना लोकसभा उपचुनाव में किलेबंदी भी शुरू कर दी है। भाजपा के हजारों कार्यकर्ता प्रत्येक बूथ पर जाकर पार्टी को मजबूत करने का काम कर रहे हैं।