नोएडा

Air Quality Index level After Diwali: पटाखों से एनसीआर और पश्चिमी यूपी के जिलों का बुरा हाल, अधिकांश जिलों का एक्यूआई हुआ 500

Air Quality Index level After Diwali: एनसीआर और पश्चिमी यूपी में प्रतिबंध के बाद भी चोरी-छिपे खूब पटाखे बिके और देर रात तक लोगों ने आतिशबाजी भी की। जिसका परिणाम आज दीपावली (Diwali) के दूसरे दिन हवा की सेहत खराब के रुप में सामने आया। आज मेरठ सहित एनसीआर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) खतरनाक स्थिति में हैं। गाजियाबाद और नोएडा का एक्यूआई जहां 500 के आसपास है। वहीं मेरठ की वायु गुणवत्ता इस समय 390 है।

नोएडाNov 05, 2021 / 02:52 pm

Nitish Pandey

Air Quality Index level After Diwali: दीपावली के मौके पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखे बेचने और छुटाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन इसके बावजूद भी जमकर आतिशबाजी की गई। लोगों ने देर रात तक पटाखों को छुटाकर दीपावली (Diwali 2021) मनाई। जिससे दिल्ली, एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जबरदस्त वायु प्रदूषण (Air Pollution) हुआ। मेरठ में कई स्थानों पर देर रात एक्यूआई (Air Quality Index) 500 के पार चला गया। आज शुक्रवार को सुबह जिले का एक्यूआई 390 था। जबकि गाजियाबाद का एक्यूआई 394 पर पहुंच गया था। रात में गाजियाबाद का एक्यूआई 405 तक पहुंच चुका था।
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प्रतिबंध के बाद भी देर रात तक पटाखे चलाए गए। लोगों ने खुले आम एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ायी। पटाखे छुटाने के कारण कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) घातक स्तर पर रहा। मेरठ,गाजियाबाद,नोएडा हापुड,बुलंदशहर आदि जिलों में खुलेआम पटाखे जलाए गए। देर रात तक लगातार आतिशबाजी होती रही। जिसके कारण सड़कों पर पटाख़े का कचरा भी देखा गया। वातावरण में पटाखों के कारण चारों तरफ धुंध छाई रही। रात में तो एक बारगी गाजियाबार का एक्यूआई 450 से भी ऊपर पहुंच गया था।
एक्यूआई लेवल अगर 400 के ऊपर चला जाए तो इसका मतलब सांस की बीमारी वालों के लिए बेहद खतरनाक होता है। कोरोना काल में ये और भी ज्यादा डराने वाला रहा था। मेरठ ही नहीं दिल्ली और पूरे एनसीआर की ही ऐसी हालत थी। नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम हर तरफ रात भर खूब पटाखे जलाए और पूरा इलाका धुआं-धुआं हो गया।
हालांकि एनजीटी ने भी पटाखों के बेचने और जलाने पर सख्ती की थी। लेकिन उसके बाद भी जमकर आतिशबाजी हुई। एनजीटी ने नियम तोड़ने वालों पर एक लाख रुपए तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया था। लेकिन दीवाली पर पश्चिमवासियों और एनसीआर के लोगों ने नियमों को ताक पर रखकर जमकर पटाखे जलाए।
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