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इस तरह 50 रुपये में खुद को बचाएं प्रदूषण से
दरअसल, स्मॉग की वजह से हालात दमघोंटू हो चुके हैं। दिनों दिन स्थिति गंभीर होती जा रही है। ईपीसीए ने एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिशा निर्देश जारी कर चुका है। इसके तहत निर्माण कार्यों पर पांच नवंबर तक रोक लगा दी गई है। आग जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, हॉट मिक्स प्लांट एवं स्टोन क्रेशर बंद करने, सड़कों की सफाई केवल मैकेनिकल तरीके से कराने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उन ईंट भट्टों के संचालन की अनुमति दी गई हैं जिनमें जिगजैग तकनीकी का इस्तेमाल हो रहा है। आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर अन्य के लिए डीजल जनरेटर सेट के संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोयला आधारित उद्योगों को भी पांच नवंबर तक बंद कर दिया गया है। यह भी पढ़ें: तीर्थनगरी के ब्रजघाट स्थित लकड़ी के गोदाम में लगी भयंकर आग, दिखा ऐसा नजारा वहीं जिला प्रशासन ईपीसीए के निर्देशों को सख्ती से लागू करने में जुटा है। इसके बावजूद अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। जिलाधिकारी बीएन सिंह ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण को पत्र भेजकर अपने-अपने क्षेत्र में ईपीसीए के निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने का आग्रह किया है। नोएडा अथॉरिटी के सीईओ का कहना है कि प्रदूषण के रोकथाम के लिए कई आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, सिटी की 50 मेन रोड पर लगातार प्राधिकरण के वाटर टैंकरों द्वारा पानी का छिड़काव किया जा रहा है। जितने भी कंस्ट्रक्शन साइट हैं उनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और वायलेशन जुर्माने भी लगाए जा रहे हैं। कंस्ट्रक्शन साइट हैं पर धूल को रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है। यहाँ से कूड़े को जलाने की शिकायतें आ रही हैं वहां पर भी कार्रवाई की जा रही है।