करवा चौथ के चौथे दिन मनाया जाता अहाेई अष्टमी नोएडा के सेक्टर-44 निवासी पडित रामप्रवेश तिवारी का कहना है कि अहाेई अष्टमी व्रत करवा चौथ के चौथे दिन मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ का पर्व 27 अक्टूबर 2018 यानी शनिवार काे है। इसके बाद 31 अक्टूबर 2018 यानी बुधवार को अहाेई अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। अहाेई अष्टमी का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रखा जाता है।
Ahoi Ashtami का शुभ मुहूर्त पंडित रामप्रवेश तिवारी के अनुसार, अहाेई अष्टमी के दिन माताएं संकल्प लेती हैं, हे अहोई माता, मैं अपने पुत्र की लम्बी आयु एवं सुखमय जीवन हेतु अहोई व्रत कर रही हूं। अहोई माता मेरे पुत्रों को दीर्घायु, स्वस्थ एवं सुखी रखें। उनका कहना है कि इस बार अहाेई अष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर 2018 को शाम 5.45 से शाम 7.02 तक का है। उस दिन तारों के दिखने का समय शाम को 6.12 बजे का है। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर 2018 को सुबह 11 बजे से अष्टमी तिथि प्रारम्भ हो जाएगी, जो 01 नवंबर 2018 को सुबह 9.10 बजे तक रहेगी।
Ahoi Ashtami पर ऐसे करें पूजा पंडित रामप्रवेश तिवारी ने कहा कि अहाेई अष्टमी के दिन माता पार्वती की पूजा की जाती है। पूजा के लिए दीवार पर गेरू से अहोई माता का चित्र बनता है। इसके साथ ही स्याहु और उनके सात पुत्रों का चित्र भी बनाया जाता है। इसके बाद अहोई माता के सामने चावल की कटोरी, मूली और सिंघाड़े रखे जाते हैं। इस दिन सुबह दीया रखकर अहोई माता की कहानी कही जाती है। इस दौरान हाथ में लिए हुए चावलों को साड़ी/सूट के दुप्पटे में बांध लिया जाता है। उनके अनुसार, सुबह पूजा करते समय लोटे में पानी रखें। लोटे के ऊपर करवा रखा होना चाहिए। यह करवा चौथ में इस्तेमाल हुआ करवा होगा। बताया जाता है कि इस करवे के पानी को दिवाली (Diwali 2018) के दिन पूरे घर में छिड़का जाना चाहिए। शाम को गेरु से बनाए गए चित्रों की पूजा की जाती है। इसमें अहाेई माता को 14 पूरी और 8 पुओं का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन बयाना निकाला जाता है। इसमें 14 पूरी या मठरी या काजू होते हैं। शाम को लोटे के पानी से चावल के साथ तारों को अर्घ्य किया जाता है। इस दिन माताएं तारे देखकर अपनी संतान की लंबी आयु की कामना करती हैं। इसी दिन निसंतान महिलाएं संतान के लिए भी प्रार्थना करती हैं। इसके बाद ही व्रत खोला जाता है।