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सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है। ऐसी घटनाएं बेहद चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। योगी सरकार में अपराध चरम पर है। पिछले दिनों कानपुर में विकास दुबे एनकाउंटर के बाबत कह कि कोई एक दिन में विकास नहीं बन जाता है। विकास को बनाने में किन-किन लोगों का सहयोग रहा है, उसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कानपुर घटना से जुड़े प्रभात मिश्रा के एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए और कहा कि नाबालिग का एनकाउंटर किया गया। ‘यूपी में प्रतिदिन दो लाख कोरोना जांच हो’ सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए की जा रही कम टेस्टिंग पर भी सवाल खड़े किए। कहा कि 23 करोड़ आबादी वाले राज्य में मात्र 25 हजार लोगों की टेस्टिंग हो रही है। जबकि दिल्ली में 2.5 करोड़ आबादी वाले राज्य में 23 हजार लोगों की कोरोना टेस्टिंग हो रही है। इतनी बड़ी आबादी वाले राज्य यूपी में ना के बराबर कोरोना टेस्टिंग की जा रही है, इसीलिए यूपी में कोरोना के केस कम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार नो एफआईआर, नो क्राइम और नो कोरोना टेस्टिंग, नो कोरोना के फार्मूले को अपनाए हुए है। यूपी में कम से कम 2 लाख लोगों की प्रतिदिन टेस्टिंग होनी चाहिए। इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना जांच के लिए लैब बनाएं जाने चाहिए।
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