नोएडा

Exclusive: पिता ने बेटे की आंखों में देखा था आशियाने का सपना, बिल्डर ने किया ऐसा कि कदम रखने से पहले हो गया स्वर्गवास

Highlights:
-अनोज कुमार ने 2010 में अपने पिता को गिफ्ट करने के लिए जेपी बिल्डर के प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराया था
-उन्हें उम्मीद थी कि 2013 तक फ्लैट का पजेशन मिल जाएगा
-पिता को बहुत गर्व था कि उनके बेटे ने उन्हें घर देने का सोचा है

नोएडाOct 22, 2019 / 08:27 pm

Rahul Chauhan

Jaypee homebuyers hopeful of NBCC winning bid

नोएडा। हर पिता का सपना होता है कि बेटा उनके लिए बुढ़ापे का सहारा बने। ऐसा ही सपना वीरेंद्र प्रसाद सिंह (75) ने देखा था। वहीं उनके बेटे ने देश के हाईटेक शहरों में शुमार नोएडा में एक आशियाना (Flat) तक बुक करा दिया। लेकिन, बिल्डर (Builder) की लेटलतीफी के चलते वीरेंद्र प्रसाद उस आशियाने में जाने से पहले ही इस दुनिया से चल बसे।
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दरअसल, पटना निवासी अनोज कुमार ने 2010 में अपने पिता को गिफ्ट करने के लिए नोएडा के सेक्टर- 133 स्थित जेपी बिल्डर के केपीए प्रोजेक्ट (Jaypee KPA) में एक फ्लैट बुक कराया था। उन्हें उम्मीद थी कि बिल्डर के आश्वासन अनुसार उन्हें 2013 तक फ्लैट का पजेशन (Flat Possesion) मिल जाएगा और वह अपने पिता संग उसमें शिफ्ट हो जाएंगे। वहीं उनके पिता को बहुत गर्व था कि उनके बेटे ने उन्हें घर देने का सोचा है। हालांकि तकदीर को शायद कुछ और ही मंजूर था।
2013 में मिलनी थी चाबी

अनोज कुमार बताते हैं कि वह नोएडा में एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। उन्होंने अपने पिता के लिए फ्लैट लेने का प्लान किया था। जेपी बिल्डर की तरफ से उन्हें बताया गया कि 2013 तक उन्हें घर की चाबी सौंप दी जाएगी। इस बाबत जब उन्होंने अपने पिता को बताया तो वह बहुत खुश हुए और गर्व से सबको बताने लगे कि उनके लिए बेटे ने घर बुक किया है। बिल्डर को फ्लैट की 95 फीसदी रकम भी दे दी गई, लेकिन घर की चाबी अभी तक नहीं मिली। न ही अब प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है।
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घर न मिलने से रहने लगे परेशान

वह बताते हैं कि उनके पिताजी लगातार घर के बारे में पूछते रहे और उनके पास सिर्फ यही जवाब होता था कि बात चल रही है। वहीं मामला कोर्ट तक भी जा पहुंचा लेकिन किसी तरह की राहत नहीं मिली। इस फ्लैट के लिए उन्होंने जिंदगी भर की कमाई लगा दी और सैलरी से जुटाए सभी पैसे भी बिल्डर को दे दी। बावजूद इसके करीब दस साल बाद भी उन्हें फ्लैट नहीं मिला। बस, इसी टेंशन से धीरे-धीरे उनके पिता बीमार होते चले गए और आखिर में उनका स्वर्गवास हो गया।
बायर्स में आक्रोश

वहीं जेपी बायर्स में जैसे ही यह खबर पहुंची सभी अनोज के प्रति सहानुभूति प्रकट करने लगे। इस दौरान बायर्स में बिल्डर के खिलाफ आक्रोश भी देखने को मिला। जेपी के बायर्स का कहना है कि बिल्डर को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा कि लोगों पर क्या बीत रही है। वह सिर्फ लोगों की जिंदगी भर की कमाई डकार कर बैठ गया है। अब न तो फ्लैटों में काम चल रहा है और न ही सरकार द्वारा किसी तरह की कार्रवाई की जा रही है।

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