यूपी के इस अस्पताल में पथराव के बाद मची भगदड़, सहमे डॉक्टर और स्टाफ ने छिपकर बचाई जान बता दें कि यह पूरा मामला नोएडा के सेक्टर-46 का है। जहां बी ब्लाक में रहने वाले रणधीर सिंह का 10 वर्षीय बेटा नौनीध सिंह विश्व भारती स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ता है। शनिवार की दोपहर नौनीध सिंह पड़ोस में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र काव्य के घर खेलने गया था। बताया गया है कि काव्य की मां बेटे के साथ रहती हैं, जबकि काव्य के पिता आगरा में नौकरी करते हैं। जब दोनों दोस्त खेल रहे थे तो इसी बीच काव्य की मां बाथरूम गई थीं। इसी बीच अचानक वे बाथरूम से चिल्लाने लगीं। क्योंकि बाथरूम का गेल लॉक हो गया था और वे अंदर बुरी तरह से घबरा गई थीं। इससे उनकी तबीयत भी खराब होने लगी। इधर, मां को बाथरूम में बंद देख काव्य भी रोने लगा। यह देख पास खड़े नौनीध ने समझादारी का परिचय देते हुए गेट को खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं खुला।
स्पा सेंटर में मसाज के दौरान युवक ने किया कुछ ऐसा कि निकल गई युवती की चीख गेट नहीं खुलने पर भी नौनीध ने हिम्मत नहीं हारी और फिर उसे तोड़ने का फैसला किया। इसके बाद नौनीध ने काफी देर तक गेट को कंधा मारकर तोड़ने का प्रयास किया, लेकिन फिर भी सफलता नहीं मिल सकी। इधर काव्य की मां की हालत लगातार खराब हो रही थी। इसके बावजूद नौनीध ने लगातार गेट के हैंडल पर भी लगातार वार करता रहा। काफी देर तक हैंडल पर मारने से वह टूट गया और इस तरह गेट खुल गया। नौनीध की इस बहादुरी पर महिला ने उसका और उसके परिवार को धन्यवाद दिया। वहीं नौनीध के पिता ने बताया कि वे नौनीध को शुरू से ही लोगों की मदद करने की सीख देते रहे हैं। यही वजह है कि उसने अपने दोस्त की मां को उस मुश्किल घड़ी से बचाया। उन्हें नौनीध पर गर्व है।