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यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जेलों से 1660 बंदी पैरोल पर रिहा गौतमबुद्ध नगर जिला प्रोबेशन अधिकारी अतुल कुमार सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि 26 मासूम बच्चों ने कोरोना के चलते माता या पिता को खोया है। वहीं इनमें 4 ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने माता-पिता दोनों को ही खो दिया है। चाइल्ड हेल्थ केयर के माध्यम से इन बच्चों का ध्यान रखा जा रहा है। प्रशासन की अनुमति के बिना इन बच्चों को यदि कोई गोद लेता है या दिलाने की बात करता है तो इसे गैरकानूनी मानकर कार्रवाई की जाएगी। गाजियाबाद में 12 मासूमों ने खोए माता-पिता गाजियाबाद में भी कोरोना संक्रमण के चलते 12 बच्चों ने अपने परिजनों को खोया है। इनमें से 8 मासूमों ने माता-पिता दोनों को ही वायरस की वजह से खो दिया। गाजियाबाद के जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि इनमें से कुछ बच्चे फिलहाल अपने दादा-दादी के साथ रह रहे हैं। वहीं कुछ को उनके सगे चाचा या मामा के पास हैं। कुछ मासूम अभी इतने छोटे हैं तो उन्हें अपने माता-पिता के खोने का कोई एहसास भी नहीं है।
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यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन में कन्नौज सबसे पीछे, गौतमबुद्धनगर नम्बर वन एनजीओ ने पढ़ाई का लिया जिम्मा बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में अनाथ और बेसहारा हो चुके मासूमों के लिए कई स्वयंसेवी संस्थाओं नेमदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। कई ऐसे एनजीओ आगे आए हैं जो इन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का पूरा बोझ उठाएंगे। इस कड़ी में स्वयंसेवी संस्था यूथ फॉर सेवा ने सेवा इंटरनेशनल के सहयोग से बच्चों की नर्सरी से दसवीं तक की पढ़ाई का जिम्मा उठाने का फैसला किया है। एनजीओ के नोएडा कोऑर्डिनेटर सागर गोस्वामी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके एनजीओ द्वारा विद्या चेतना नाम से मुहिम शुरू कर बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया है। आर्थिक मदद के लिए आगे आई संस्था बच्चों की आर्थिक मदद के लिए महिला उन्नति संस्था ने अच्छी पहल शुरू की है। संस्था के संस्थापक डॉ राहुल वर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते जिन परिवारों के मुखिया की मौत हुई है और घर में अब कोई दूसरा कमाने वाला नहीं है, ऐसे परिवारों के बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी के साथ-साथ वह आर्थिक मदद भी करेंगे।
इन नंबरों पर दें बेसहारा बच्चों की जानकारी गौतमबुद्ध नगर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि अगर किसी बच्चे के माता-पिता या किसी एक की जान कोरोना से गई है या फिर जिन बच्चों के मां-पिता का इलाज चल रहा है और घर में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है तो कोई भी व्यक्ति जिला प्रोबेशन अधिकारी के फोन नंबर 9450611460, बाल संरक्षण अधिकारी के फोन नंबर 7503551845, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 181 और पुलिस हेल्पलाइन नंबर 9870395200 पर जानकारी दे सकता है। ऐसे में मासूमों का ध्यान प्रशासन द्वारा रखा जाएगा।
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नौकरी गई तो ओला में करने लगे काम, चली गई जिंदगी ग्रेटर नोएडा में ही रहने वाले 11, 14 और 17 वर्षीय तीन मासूमों ने भी कोरोना संक्रमण के चलते अपने पिता को खो दिया। बच्चों के चाचा ने जानकारी देते हुए बताया कि माता-पिता दोनों प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते थे। महामारी में दोनों की नौकरी चली गई। जिसके बाद उनके भाई ने बच्चों के पालन-पोषण के लिए ओला में बाइक ड्राइवर के तौर पर नौकरी की। तभी वह कोरोना की चपेट में आ गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अब बच्चों के घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा है। दादा-दादी की जान बचाने में दंपति की मौत क्रॉसिंग रिपब्लिक स्थित पंचशील वेलिंगटन की आरडब्ल्यूए प्रेजिडेंट राजकुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सोसायटी में रहने वाली 6 और 7 साल की दो मासूम बच्चियों के सिर से मां-बाप का साया उठ गया। बच्चों के माता-पिता उनके दादा-दादी की जान बचाने के दौरान कोरोना संक्रमित हो गए थे। 4 मई को पिता तो अगले दिन 5 मई को उनकी दादी और 8 मई को मासूमों की मां की जान चली गई। अंतिम संस्कार के लिए तीनों मृतकों के घर का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। दोनों बच्चियों को बरेली में उनकी चाची के घर भेजा गया है।
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