भारत बंद ( Bharat Band ) के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारत बंद की पूर्व संध्या पर यानी 27 सितंबर को मशाल जुलूस में व्यापारियों से ताकत दिखाने का आह्वान किया गया। दरअसल खुदरा विक्रेताओं और व्यापारियों ने एफडीआई और फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट ( Flipkart walmart) और अमेज़ॅन के भारत में पांव पसारने से हो रहे नुकसान के खिलाफ केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार से कई बार व्यापारियों ने गुहार लगाई लेकिन सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया।
व्यापारियों ने बताया कि 28 सितंबर को भारत बंद भारतीय बाजार में खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ बुलाया गया है। क्योंकि एफडीआई के आने से अब बाजार में विदेशी कंपनियां धड़ल्ले से खुल रही हैं और वॉलमार्ट जैसी कंपनियाों के बाजार में आने से छोटे व्यापारियों के कारोबार को प्रभावित हो रहे हैं साथ ही उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। नोएडा के छोटे व्यापारियों का कहना है कि विदेशी कंपनियों ने डोर टू डोर यानी होम डिलवरी सर्विस को भी बढ़ावा दिया है। इसके अलावा त्योहारी सीजन और कई अवसरों पर छूट की पेशकश करते हैं जिससे उनके सामने बड़ा संकट आ गया है। वहीं शामली में भी केमिस्ट एसोसिएशन ने केंद्र सरकार की आनलाइन दवाई बिक्री की अधिसूचना के विरोध में बंद करने का समर्थ किया है।
नोएडा व्यापार मंडल ने आहृान करते हुए कहा वैसे तो भारत बंद से व्यापारियों का ही सार्वाधिक नुकसान होता है लेकिन बंद व्यापारियों का अंतिम हथियार है। क्योंकि अब कोई विकल्प नहीं है।