नोएडा। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करते हुए अपने ख़ास वोट बैंक का खूब ध्यान रखा। सपा की इस पहली लिस्ट में 28 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनाव का टिकट थमाया गया है। जबकि 16 यादव उम्मीदवारों के साथ 14 महिलाओं को भी अपनी किस्मत आजमाने का मौका मिला है। पार्टी ने अभी विधानसभा की 403 में से 143 उन सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं जहां फिलहाल उसके विधायक नहीं हैं। इन 143 सीटों में से 21 सीटें सुरक्षित श्रेणी की हैं। यहां मुस्लिमों पर लगाया दांवयहां यह बात भी ध्यान देने वाली है कि मुजफ्फर नगर के उस क्षेत्र में जहां सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी और राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन गई थी, उस क्षेत्र में पार्टी ने सिर्फ एक उम्मीदवार शहनवाज राणा को मीरापुर से टिकट दिया है। हलाकि आसपास के क्षेत्रों में मुस्लिम बहुल आबादी को देखते हुए मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव खेला गया है।सपा ने बेहट सीट से उमर अली खां को टिकट दिया है। खां राज्य सरकार पर हमलावर हो चुके दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी के दामाद हैं। इसके अलावा पार्टी ने पीस पार्टी के मौजूदा विधायक अनीस उर्रहमान को कांठ सीट से और निर्दलीय विधायक विजय सिंह को फर्रखाबाद से टिकट दिया है।महिलाओं को भागीदारी समाजवादी पार्टी कि पहली लिस्ट में 14 महिला उम्मीदवारों को अपना भाग्य आजमाने का मौका मिला है. यह कुल 143 सीटों के लगभग नौ फीसदी सीट के बराबर है। समझने वाली बात है कि अभी कुछ दिन पूर्व ही पंचायती चुनाव खत्म हुए हैं जिसमे महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 44 फीसदी सीटों पर कब्जा जमाकर इतिहास रच दिया था। यह आंकड़ा पंचायत चुनावों में महिलाओं को मिली 33 फीसदी की आरक्षित सीमा से भी ज्यादा है।यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने साठ फीसद से भी ज्यादा का मतदान किया था जबकि पुरुष मतदाता वोटिंग करने के लिहाज से पीछे रह गए थे। महिलाओं को सफलता दिलाने के मामले में सम्भल, रामपुर, मुरादाबाद, बदायूं और बरेली प्रमुख खेत्र थे। इन क्षेत्रों में चुनी गई महिला प्रधानों की संख्या पचास फीसद से भी अधिक थी जबकि मथुरा आगरा और हाथरस सबसे कम महिलाओं को जिताकर प्रधान बनवा सकने वाले क्षेत्रों में शामिल है।