नोएडा

बड़ी खबर: नपुंसक बनने के अंधविश्वास ने छीन ली 22 जिंदगियां

नपुंसक होने का था डर इसलिए 22 बच्चों मां-बाप ने उन्हें नहीं लगवाया डीटीपी का टीका, नतीजा हो गई मौत

नोएडाSep 23, 2018 / 11:50 am

lokesh verma

बड़ी खबर: नपुंसक बनने के अंधविश्वास ने छीन ली 22 जिंदगियां

ग्रेटर नोएडा. नपुंसक होने के अंधविश्वास के कारण कुछ लोग अपने ही बच्चों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। इसका खुलासा दिल्ली स्थित महर्षि वाल्मीकि अस्पताल में हुई 22 बच्चों की मौत के बाद हुआ है। बताया जा रहा है कि मरने वाले बच्चों में अधिकतर एनसीआर और वेस्ट यूपी से हैं। दरअसल, इन बच्चों की मौत डिप्थीरिया बीमारी के कारण हुई है। बताया जा रहा है कि परिजनों बच्चों के नपुंसक होने के अंधविश्वास के कारण बच्चों को डीटीपी का टीका नहीं लगवाया था।
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ताजा मामला दादरी स्थित नई आबादी के किदवई नगर का है। जहां के रहने वाले राज मिस्त्री जुम्मा की 8 साल की बेटी मंतसा की 2 दिन पहले डिप्थीरिया से मौत हो गई है। इसी तरह 11 सितंबर को जेवर के मानक चौक निवासी शाकिर की 5 साल की बेटी हुमेरा ने भी डिप्थीरिया के कारण अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। बताया जा रहा है कि इन बेटियों का टीकाकरण नपुंसक बनने के अंधविश्वास के कारण बीच में बंद कर दिया गया था। बता दें कि जेवर में अब तक ऐसे 35 परिवारों की जानकारी मिली है, जिन्होंने अंधविश्वास के कारण बच्चों का टीकाकरण कराना बंद कर दिया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के जागरूक करने के बाद 22 परिवारों ने बच्चों को टीके लगवाए हैं।
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यहां बता दें कि डिप्थीरिया बीमारी से गौतमबुद्ध नगर जिले में अब तक 3 बच्चों की इलाज के दौरान दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में मौत हो चुकी है। वहीं 6 बच्चों में इस बीमारी से मिलते-जुलते लक्षण पाए गए हैं। मृतक बच्चों में दादरी के दो और जेवर का एक बच्चा शामिल है। मामले की गंभीरता को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर हाल ही में गाजियाबाद में एक बैठक की है। इस दौरान डिप्थीरिया से पीड़ित बच्चों को चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अभी तक जमीनी स्तर पर प्रशासन की आेर से कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई है।
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जेवर सीएचसी के डॉ. अनिल गुप्ता का कहना है कि नंगला छीतर में राजो के बेटे अब्दुल अहक नाम के बच्चे में डिप्थीरिया के लक्षण पाए गए हैं। उसका गांव में टीकाकरण कराया जा रहा है। इससे पहले अब्दुल अहक के परिवार वालों और कुछ अन्य ने अंधविश्वास के चलते अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं कराया था। जेवर में डिप्थीरिया से शाकिर की 5 साल की बेटी हुमेरा की मौत हो चुकी है। वहीं शाकिर के भाई वकील ने बताया कि उनकी छोटी बेटी रमसा को भी डिप्थीरिया की शिकायत है। उनके पड़ोस में रहने वाले बसारत के 2 बच्चे भी ऐसी ही बीमारी से ग्रस्त हैं। हालांकि, इन बच्चों में स्वास्थ्य विभाग ने डिप्थीरिया की पुष्टि नहीं की है। अब जेवर में स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्चों के परिजनों को जागरूक कर रही है।
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