राशन तलाशते मिले पिता और बेटी भोजन और राशन की तलाश में लॉकडाउन को तोड़कर सड़क पर घूम रहे पिता और उसकी नाबालिग बेटी खाना या राशन तलाश रहे हैं। खाना मिल जाए तो उनके पेट की आग शांत हो सके। खाना कब बंटता यह पता नहीं चलता। कोई कहता है सेक्टर—19 में मिलता है तो कोई कही और जगह बताता है। दोनों कहते हैं कि जब वे घर से निकलते हैं तो पुलिस वाले भगा देते हैं। अब राशन लेने निकले हैं। राशन कार्ड नहीं है। बस आधार कार्ड है।
बचे हुए रुपये भी हो गए खत्म ऐसी ही कुछ दशा है सेक्टर—16 की झुग्गी कॉलोनी में रहने वाली शबाना की। यह झुग्गी कॉलोनी डीएनडी के पास से गुजरने वाले नाले पर बसी हुई है। शबाना कहती हैं, जब से लॉकडाउन हुआ है, उसका पति उसे और तीन बच्चों को छोड़कर चला गया। वह कोठी में काम करती है, जिससे उसका गुजारा चल रहा था। लॉकडाउन के बाद सब कुछ बंद हो गया। पांच किलो राशन मिला था, जो खत्म हो चुका है। 200—300 रुपये बचे थे। अभी तक उससे काम चला रहे थे। अब वह भी खत्म हो गए हैं। उन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिली है।
रोटी बैंक भी बनाए गए हैं यूपी सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अफसरों को सख्त आदेश दिया है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। उसके दो वक्त के भोजन का हर हाल में इंतजाम किए जाए। इस आदेश पर अमल करते हुए नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सरकारी संस्थाओं ने कम्यूनिटी किचन की शुरुआत की है। हर किचन के लिए एक अफसर की नियुक्ति की गई है। भोजन बनाने और उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर व्यवस्था की गई है। इसके अलावा हंगर सेंटर और रोटी बैंक भी बनाए गए हैं, जहां लोग स्वेच्छा से राशन दान में दे रहे हैं। वहां से वह जरूरतमंदों को दिया जा रहा है।
यह है दावा आंकड़े बताते हैं कि सरकारी एजेंसियों की ओर से प्रतिदिन 92 हजार 453 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकारी व्यवस्थाओं के अलावा मुख्य रूप से 21 समाजसेवी संस्थाएं भी निराश्रितों, वंचितों और जरूरतमंदों तक भोजन उपलब्ध करा रही हैं। ये सभी संस्थाएं भी प्रतिदिन लगभग 50 हजार जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचा रही हैं। कोरोना की आपदा में प्रतिदिन डेढ़ लाख से अधिक जरूरतमंदों को फूड पैकेट और राशन पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। फिर भी हर गली-मोहल्ले, गांवों और कंस्ट्रक्शन साइट पर तमाम लोग खाना और राशन न मिलने की शिकायतें कर रहे हैं। ऐसी रिपोर्ट हर दिन आ रही हैं।
प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार रोजाना कितनों को बांटा जा रहा खाना — ममूरा कम्यूनिटी सेंटर— 13600
— कम्यूनिटी सेंटर हरौला— 12210
— सोरखा जाहिदाबाद— 11254
— भंगेल कम्यूनिटी सेंटर— 6880
— गौड़ सिटी मॉल-1 सेक्टर-4 ग्रेटर नोएडा— 5950
— गौतम बुद्ध बालक इंटर कॉलेज ग्रेटर नोएडा— 7500
— जीएनआईटी कॉलेज ग्रेटर नोएडा— 22100
— संकट मोचन मंदिर प्लॉट नंबर-38 नॉलेज पार्क-2 ग्रेटर नोएडा— 2000
— दादरी तहसील के प्रशासनिक भवन— 4980
— कलक्ट्रेट स्थित प्रशासनिक भवन— 630
— जेवर तहसील का प्रशासनिक भवन— 1000
— कम्यूनिटी किचन शनि मंदिर परिसर सेक्टर-14ए नोएडा— 889
— कम्यूनिटी किचन हॉट मिक्स प्लांट मेसर्स मनीषा प्रोजेक्ट प्रा.लि. दनकौर— 300
— इस्कॉन मंदिर सेक्टर-डेल्टा-3 ग्रेटर नोएडा— 600
— अजनारा होम्स सेक्टर-22डी— 600
— एक्यूरेट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी ग्रेटर नोएडा— 2000
— कम्यूनिटी सेंटर हरौला— 12210
— सोरखा जाहिदाबाद— 11254
— भंगेल कम्यूनिटी सेंटर— 6880
— गौड़ सिटी मॉल-1 सेक्टर-4 ग्रेटर नोएडा— 5950
— गौतम बुद्ध बालक इंटर कॉलेज ग्रेटर नोएडा— 7500
— जीएनआईटी कॉलेज ग्रेटर नोएडा— 22100
— संकट मोचन मंदिर प्लॉट नंबर-38 नॉलेज पार्क-2 ग्रेटर नोएडा— 2000
— दादरी तहसील के प्रशासनिक भवन— 4980
— कलक्ट्रेट स्थित प्रशासनिक भवन— 630
— जेवर तहसील का प्रशासनिक भवन— 1000
— कम्यूनिटी किचन शनि मंदिर परिसर सेक्टर-14ए नोएडा— 889
— कम्यूनिटी किचन हॉट मिक्स प्लांट मेसर्स मनीषा प्रोजेक्ट प्रा.लि. दनकौर— 300
— इस्कॉन मंदिर सेक्टर-डेल्टा-3 ग्रेटर नोएडा— 600
— अजनारा होम्स सेक्टर-22डी— 600
— एक्यूरेट इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी ग्रेटर नोएडा— 2000
ये संस्थाएं भी बांट रही हैं खाना सरकारी व्यवस्थाओं के अलावा 21 समाजसेवी संस्थाएं भी जरूरतमंदों तक भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन (एनईए), नवरत्न फाउन्डेशन, नोएडा लोकमंच, एमएसएमई इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन नोएडा, श्री नारायण संस्कृति चेतना न्यास, श्रीराम मित्र मंडल, सद्भावना सेवा संस्थान, दादी की रसोई, शहीद भगत सिंह सेना, रामा फाउंडेशन, हेल्पिंग हैंड्स, नोवरा, द चैलेंजर्स ग्रुप, नेफोमा, नोफा, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल, अग्रवाल मित्र मंडल, भारत विकास परिषद, निवेदा फाउंडेशन, नव ऊर्जा युवा मंच और जवाइंट विमेंस फोरम शामिल हैं। ये सभी संस्थाएं भी प्रतिदिन लगभग 50 हजार जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचा रही हैं।