“देश की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिता, J&K सरकार नहीं”
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार में बने रहना हमारी प्राथमिकता नहीं
गाजियाबाद। अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई के बाद उठे विवादों के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार में बने रहना हमारी प्राथमिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा है न कि जम्मू कश्मीर में सरकार को बनाए रखना। जम्मू कश्मीर सरकार में भाजपा-पीडीपी की एक सहयोगी पार्टी है।
उनका यह बयान प्रधानमंत्री मोदी के संसद में दिए गए बयान के एक दिन बाद आया जिसमें प्रधानमंत्री ने साफ किया था कि अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई स्वीकार्य नहीं है और सरकार देश की सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता बर्दाशत नहीं करेगी। वहीं अब राजनाथ ने कहा कि हमारी सरकार किसी भी कीमत पर देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेगी। हमारे लिए कोई भी सरकार चाहे गठबंधन की हो या बिना गठबंधन की, वह हमारी प्राथमिकता से बढ़कर नहीं है। हमारी प्राथमिकता देश और उसकी सुरक्षा है। आपको हमारी मंशा को समझना चाहिए।
संसद में मैंने जो बयान दिया मैं उसी पर कायम
राजनाथ ने कहा कि सोमवार को संसद में मैंने जो भी बयान दिया था मैं अब भी उसी पर कायम हूं कि हमारे लिए सरकार प्राथमिकता नहीं है बल्कि हमारे लिए देश प्रथम है और वही सर्वोच्च है। केन्द्रीय सुरक्षा बल सीआईएसएफ के 46वें स्थापना दिवस में शिरकत करने आए सिंह ने इससे इतर कहा कि आपको यह तथ्य समझना चाहिए और मुझे लगता है कि इस बयान में सबकुछ समाहित है। सिंह इस बात से खासा नाराज दिख रहे थे कि मसरत की रिहाई से पहले केन्द्र सरकार से इस बारे में निर्णयल लिया गया था।
पिछले तीन सालों में मुफ्ती मोहम्मद से नहीं की बात
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री (मुफ्ती मोहम्मद सईद) से लगभग पिछले तीन सालों से बात नहीं की अथवा न तो उनके शपथ ग्रहण से पहले या न ही उसके बाद ही उनसे बात की है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों के सदस्यों ने अलगाववादी नेता की रिहाई पर आक्रोश जताते हुए इसे राष्ट्र विरोधी और देश की अखंडता के लिए खतरा बताया। इसके अलावा उन्होंने इस मुद्दे पर मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली सरकार से भाजपा को हटने की चुनौती भी दी।
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