15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

समाचार

साइबर क्राइम रोकने थ्री वे एप्रोच से काम कर रही पुलिस

पत्रिका साक्षात्कार: क्राइम ब्रांच के एडिशनल एसपी राजेश दंडोतिया ने कहा, गोल्डन आवर में शिकायत करने पर होती है प्रभावी कार्रवाई

Google source verification

इंदौर.

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में साइबर क्रिमिनल्स हाई-टेक तरीके अपना रहे है, उनसे निपटने पुलिस भी हाईटेक हो गई है। हालांकि जिस तरह से साइबर फ्रॉड बढ़े है उस तरह से पुलिस तैयारी नहीं कर पा रही। इन्हीं सब मुद्दों पर पत्रिका ने विस्तार से बातचीत की क्राइम ब्रांच के एडीसीपी राजेश दंडोतिया से। एडिशनल डीसीपी दंडोतिया का कहना है, पुलिस साइबर क्राइम रोकने थ्री वे एप्रोच से काम कर रही है। हालांकि संसाधन की कमी है लेकिन पुलिस एक्सपर्ट की मदद लेकर काम करती है।

Q. क्राइम ब्रांच साइबर क्रिमिनल्स का सामना करने के लिए कितनी हाई टेक है ?

A. क्राइम ब्रांच थ्री वे एप्रोच पर कार्य कर रही है। पहला एप्रोच है, जनता को जागरूक करने के लिए अवेयरनेस कैंपेन। दूसरा एप्रोच है तुरंत कार्रवाई। यदि साइबर फ्रॉड होने के एक घंटे के भीतर पीड़ित 1930 पर शिकायत कर देता है तो यह गोल्डन ऑवर होता है जिसमें की अकाउंट को जल्द से जल्द फ्रीज कर दिया जाता है जिसके चलते पैसे की रिकवरी की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है। तीसरा एप्रोच होता है एफआईआर रजिस्टर कर के आरोपियों को आईडेंटिफाई करना। आरोपियों की फोन कॉल्स और ट्रांजैक्शन डिटेल्स को ट्रेस किया जाता है। हमारे यहाँ साइबर फॉरेंसिक लेब भी डेवलप हो रही है। हमारी टीम सेलेब्राइट और फाल्कन न्यू जैसे अपडेट टूल का भी इस्तेमाल करती है।

Q. पुलिस के पास साइबर एक्सपर्ट की बड़ी टीम क्यों नहीं है? A. हमारे पास सोशल मीडिया सेल है जिनमे चार आइटी एक्सपर्ट कार्य करते है। हमारे पास एक्सपर्ट की संख्या काफी अच्छी है। कॉम्प्लिकेटेड हैकिंग केस को सॉल्व करने के लिए हमारी टीम साइबर एक्सपर्ट की भी मदद लेती है।

Q. पिछले एक साल में कितने साइबर फ्रॉड से सम्बंधित केस रजिस्टर्ड हुए है और कितने केस में सफलता अर्जित की है ?

A. इंदौर पुलिस के द्वारा पिछले एक साल में इंदौर में ११ हजार साइबर फ्रॉड और सोशल मीडिया से सम्बंधित केस दर्ज हुए है और 75 करोड़ रूपए की साइबर ठगी हुई है जिनमे से 14 करोड़ 20 लाख की रिकवरी की जा चुकी है और 75 साइबर फ्रॉड क्रिमिनल्स को गिरफ्तार किया जा चुका है । हालांकि जिस तरह से साइबर फ्रॉड बढ़ा है उसके अनुपात में टीम को रिसोर्सेज की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

Q. बैंक से सम्बंधित साइबर फ्रॉड की संख्या भी बढ़ रही है, ऐसे में क्या बैंक की लगातार मॉनिटरिंग होनी चाहिए ?

A. इस पर सभी मिलकर काम कर रहे है। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर से सभी स्टेट के नोडल जुड़े हुए है जिसके माध्यम से 1930 ऑपरेट हो रहा है। बैंक की मदद से खाते फ्रीज करने में काफी मदद मिलती है।

Q. साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जनता को क्या मैसेज देना चाहते है ?

A. साइबर फ्रॉड से बचने का एक बहुत आसान तरीका है अननोन लिंक, अननोन वेबसाइट, अननोन नंबर और अननोन फ्रेंड को इग्नोर करें। यदि साइबर फ्रॉड हो तो 1930 पर शिकायत करें, तुरंत कार्रवाई होगी।