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आपकी बात… रिश्वतखोरी, समाज की गंभीर बीमारी और इसका समाधान

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

जयपुरDec 12, 2024 / 01:22 pm

Hemant Pandey

देश में बढ़ती रिश्वतखोरी को रोकने के लिए स्वयं को मजबूत बनाना है

सामाजिक बीमारी है रिश्वतखोरी

कानून रंगे हाथ पकड़े गए नगण्य रिश्वतखोरों के लिए है, लेकिन अधिकांश रिश्वतखोरों की केवल समाज में चर्चा होती है और उनका बाल भी बांका नहीं होता। शासन और प्रशासन की प्रवृत्ति इस बीमारी को रोकने की नहीं है, बल्कि प्रसारित करने की अधिक है। शपथ ग्रहण क्रिया में रिश्वतखोरी न करने और कराने की शपथ भी होनी चाहिए। ई-गवर्नेंस, ऑनलाइन भुगतान प्रणाली और रियल-टाइम मॉनिटरिंग आदि से मात्र अंकुश लगाया जा सकता है। नेताओं और उच्च अधिकारियों को अपने आचरण से ईमानदारी का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। तकनीकी और सामाजिक सुधारों के साथ-साथ लोगों की मानसिकता बदलने पर ध्यान केंद्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
— मुकेश भटनागर, भिलाई

राशन और अन्य सुविधाएं रिश्वत का कारण बन रही हैं

जो भी सरकार कमजोर वर्ग के लिए मदद देने का काम करती है, वह सीधे बैंक खाते में दिया जाना चाहिए। सरकारी कार्यों की समय सीमा तय की जाए और कार्य समय पर पूरा न करने वाले कर्मचारियों को जवाबदेह ठहराया जाए। डिजिटल प्रणाली का उपयोग उपयोगी साबित हो सकता है, क्योंकि जब जनता सरकारी दफ्तरों में नहीं जाएगी तो रिश्वत कम होगी।
— राजेंद्र अग्रवाल

सख्त कानून बनाकर ही रोका जा सकता

देश में बढ़ती रिश्वतखोरी देश के लिए अभिशाप है और विकास में बाधक है। इसे सख्त कानून बनाकर ही रोका जा सकता है। रिश्वत लेने वाला और देने वाला दोनों ही दोषी होते हैं, अतः दोनों को ही सख्त सजा के प्रावधान होने चाहिए।
— राजकुमार पाटीदार, झालावाड़

रिश्वतखोरी को काला कोढ़ मानना चाहिए

रिश्वतखोरी अब केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई है। इसे लोग अब गलत नहीं मानते, बल्कि इसे ‘सुविधा शुल्क’ का नाम देकर बढ़ावा देते हैं। रिश्वत लेना और देना दोनों कानूनी जुर्म हैं, लेकिन इस पर कानून का सख्ती से पालन न होने के कारण यह फैलती जा रही है। इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा और सरकार को सख्ती से कानून लागू करना होगा।
— कैलाश चंद्र मोदी, चूरु

रिश्वतखोरी के खिलाफ कदम उठाना जरूरी

रिश्वतखोरी के तंत्र का चारों ओर तेजी से फैलना, आम आदमी का शिकार होना एक गंभीर समस्या है। सरकारी दफ्तरों में जाकर काम करवाना अब आसान नहीं रहा है। इसका समाधान समय-समय पर निगरानी और जागरूकता कार्यक्रम चलाने में है। सरकारी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और रिश्वतखोरी की जड़ों तक पहुंचने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
— कुमार जितेंद्र “जीत” मोकलसर

रिश्वतखोरी को रोकने में हो एआई का उपयोग

रिश्वतखोरी को रोकने के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण को और सख्त किया जाए। साथ ही सरकारी विभागों में ऑनलाइन प्रणाली और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाए, ताकि अधिकारियों के बजाय ये काम डिजिटल रूप से हो।
— विनायक गोयल, रतलाम

रिश्वतखोरी को सख्ती से रोका जा सकता

रिश्वत देना और लेना कानूनन जुर्म होते हुए भी देश में बढ़ रही है। इसे ‘भ्रष्टाचार’ नहीं बल्कि ‘शिष्टाचार’ माना जाने लगा है। इसे रोकने के लिए मजबूत निगरानी तंत्र और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
— वसंत बापट, भोपाल

कठोरतम दंड का प्रावधान किया जाना चाहिए

सरकारी और निजी सेवाओं में बढ़ती रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास करने होंगे। रिश्वतखोरी में संलिप्त पाए जाने पर कठोरतम दंड का प्रावधान किया जाना चाहिए।
— आकांक्षा पंकज, बारां

रिश्वतखोरी के खिलाफ युवाओं का संकल्प

रिश्वतखोरी की जड़ें बहुत मजबूत हैं। इसे खत्म करने के लिए युवाओं को यह संकल्प लेना होगा कि ‘न मैं खाऊं, न खाने दूं’, तभी इस पर काबू पाया जा सकता है।
— दिलीप शर्मा, भोपाल

स्वयं को मजबूत बनाएं, रिश्वत न दें

रिश्वतखोरी को रोकने के लिए हमें स्वयं को मजबूत बनाना होगा। सरकार के अधिकारियों से सीधे संपर्क करके काम करना चाहिए और किसी एजेंट या बिचौलिए का सहारा नहीं लेना चाहिए। इससे विभागों पर विश्वास बढ़ेगा और रिश्वतखोरी की दुकान बंद होगी।
— मुकेश सोनी, जयपुर

पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी

सरकारी और निजी क्षेत्रों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए। अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि रिश्वतखोरी को रोका जा सके।
— शिवजी लाल मीना, जयपुर

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