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महिला का आरोप : अस्पताल से व्हीलचेयर नहीं मिलने पर मां को गोद में लेकर अंदर जाना पड़ा

80 साल की बुजुर्ग को न स्टे्रचर मिली ना व्हीलचेयर

चेन्नईMay 30, 2024 / 02:43 pm

PURUSHOTTAM REDDY

ईरोड/चेन्नई. तमिलनाडु सरकार स्वास्थ्य विभाग को लेकर चुस्त और दुरुस्त होने का दावा करती है लेकिन ईरोड जिले के सरकारी अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल वहां एक महिला वलरमती का आरोप है कि वह अपनी 80 वर्षीया मां पी. सोरना को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन उसे व्हीलचेयर ही नहीं मिली जिसके बाद उसे मजबूर होकर अपनी मां को गोद में लेकर अंदर जाना पड़ा। मामला प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की संयुक्त निदेशक अंबिका षणमुगम ने बुधवार को यहां अस्पताल के कर्मचारियों के साथ जांच की।

मांगने के बावजूद कर्मचारियों ने नहीं दी स्ट्रेचर या व्हीलचेयरपी. सोरना को सडक़ पर चलते समय एक वाहन की टक्कर लगने से पैर में चोट लग गई। उनकी बेटी वलरमती उसे अस्पताल ले गई। उन्हें दुर्घटना और आपातकालीन वार्ड ले जाने को कहा गया। अस्पताल के कर्मचारियों से मांगने के बावजूद उसे स्ट्रेचर या व्हील-चेयर उपलब्ध नहीं कराई। ऐसे में महिला कराहती अपनी मां को गोद में ही लेकर जाने पर मजबूर हुई। सोरना का उपचार एक आउट पेशेंट (बाह्य रोगी) के रूप में किया गया और घर भेज दिया गया।सरकार ने दिए जांच के आदेश

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। विभाग की तरफ से दावा किया गया है कि जांच में दोषी पाए जाने पर विभाग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन महिला के आरोप में सच्चाई होनी चाहिए।

अस्पताल की सफाईअस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी अस्पताल में पर्याप्त संख्या में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर हैं। हालांकि अधिकारी की तरफ से सफाई में यह भी कहा गया कि उस समय स्टाफ एक हत्या के मामले में शव के आने में व्यस्त था। अधिकारी ने दावा किया कि परिचारिका ने सहायता नहीं मांगी बल्कि उपचार में तेजी लाने के प्रयास में अपनी मां को ले जाने का विकल्प चुना।

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