मांगने के बावजूद कर्मचारियों ने नहीं दी स्ट्रेचर या व्हीलचेयरपी. सोरना को सडक़ पर चलते समय एक वाहन की टक्कर लगने से पैर में चोट लग गई। उनकी बेटी वलरमती उसे अस्पताल ले गई। उन्हें दुर्घटना और आपातकालीन वार्ड ले जाने को कहा गया। अस्पताल के कर्मचारियों से मांगने के बावजूद उसे स्ट्रेचर या व्हील-चेयर उपलब्ध नहीं कराई। ऐसे में महिला कराहती अपनी मां को गोद में ही लेकर जाने पर मजबूर हुई। सोरना का उपचार एक आउट पेशेंट (बाह्य रोगी) के रूप में किया गया और घर भेज दिया गया।सरकार ने दिए जांच के आदेश
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं। विभाग की तरफ से दावा किया गया है कि जांच में दोषी पाए जाने पर विभाग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन महिला के आरोप में सच्चाई होनी चाहिए।
अस्पताल की सफाईअस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी अस्पताल में पर्याप्त संख्या में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर हैं। हालांकि अधिकारी की तरफ से सफाई में यह भी कहा गया कि उस समय स्टाफ एक हत्या के मामले में शव के आने में व्यस्त था। अधिकारी ने दावा किया कि परिचारिका ने सहायता नहीं मांगी बल्कि उपचार में तेजी लाने के प्रयास में अपनी मां को ले जाने का विकल्प चुना।