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जवान बेटे की रोशनी गई तो पिता बना आंख, संभाल रहा जिंदगी

“कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता, कभी धरती तो कभी आसमान है पिता।” यह पंक्ति पिता होने के मायने बताती है। जिस वृद्धावस्था में पिता बच्चों पर निर्भर होते हैं, उस उम्र में अपने दृष्टिहीन बेटे के लालन पालन में जुटे हैं 70 वर्षीय छोगाराम भील।

भीलवाड़ाNov 03, 2024 / 12:20 pm

Narendra Kumar Verma

2 days ago

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