भवानीपुर में राजस्थान की परंपरा जैसी मूर्ति
भवानीपुर की अबसर सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति ने राजस्थान की एक झलक दिखाने की कोशिश की है। आयोजन से जुड़े गोपी ठक्कर ने बताया कि पूजा मंडप में किसी तरह के लोहा या बांस का उपयोग नहीं किया गया है। पूरे मण्डप को लकड़ी से बनाया गया है। दुर्गा की मूर्ति भी राजस्थान की परंपरा जैसी बनायी गई है। श्रीभूमि स्पोर्टिंग पूजा कमेटी का नेतृत्व अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस करते हैं। श्रीभूमि पूजा समिति के एक सदस्य दिव्येंदु गोस्वामी ने कहा कि पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी लोग हमारी प्रस्तुति को पसंद करेंगे और रिकॉर्ड भीड़ होगी। इस साल दुर्गा पूजा के अपने 55वें वर्ष का जश्न मनाते हुए मोहम्मद अली पार्क ने अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर अमरीकी राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास और कार्यस्थल की प्रतिकृति को फोकस बनाया है।
अमरीका के चुनाव पर होगा फोकस
मोहम्मद अली पार्क दुर्गा पूजा के युवा संघ के प्रभात कुमार तिवारी ने कहा कि पिछले साल केदारनाथ मंदिर पूजा की थीम थी, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया था। उन्होंने कहा कि इस साल हम व्हाइट हाउस को बना रहे हैं, जो अमरीका के चुनावी मौसम के दौरान फोकस में रहेगा। उधर साल्टलेक के बीजे ब्लॉक में थाईलैंड की झलक देखने को मिलेगी, जहां आंग थोंग प्रांत स्थित बिग बुद्ध प्रतिमा की तर्ज पर 70 फीट ऊंची बुद्ध प्रतिमा लगाई जाएगी। आयोजक पिछले साल तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने कोयंबटूर स्थित आदियोगी शिव की 112 फीट ऊंची प्रतिमा की तर्ज पर पंडाल बनाया था।
आरजी कर अस्पताल की घटना पर रोष जताया
‘लज्जा’ शीर्षक वाले पूजा पंडाल को कांकुडग़ाछी इलाके में श्री श्री सरस्वती और काली माता मंदिर परिषद द्वारा तैयार किया गया है। समिति के एक प्रवक्ता ने कहा कि जैसे ही आगंतुक पंडाल में प्रवेश करेंगे, वे देवी को अपना चेहरा ढंके हुए देखेंगे जबकि उनके सामने एक महिला का शव पड़ा है। देवी के शेर को भी शव के सामने शोक में सिर झुकाए हुए दिखाया गया है। एक सफेद रंग का विशेष परिधान और स्टेथोस्कोप (चिकित्सा पेशे का प्रतीक) प्रतिमा के बगल में प्रदर्शित किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि कामदुनी और हंसखाली में बलात्कार और हत्या की घटनाओं से लेकर देश की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली हालिया आरजी कर त्रासदी तक यह महिलाओं के प्रति जारी हिंसा और हमलों के खिलाफ हमारा विरोध है। हमारी बेटी-डॉक्टर पर हुए क्रूर हमले के खिलाफ सहज विरोध प्रदर्शन के खत्म होने का कोई संकेत नहीं है। हमारा मानना है कि दुर्गा पूजा हमारी पीड़ा और दर्द को व्यक्त करने का मंच होना चाहिए।