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अन्नदाता पर मौसम की मार; बोई धान काट रहे पराली, किसान बोले-कैसे मनाएंगे दिवाली?

कीट लगने से धान की 50 फीसदी फसल चौपट, सर्वे कराने भटक रहे किसान पवई. जिले में इस साल मानसून की जोरदार बारिश से धान की फसल अच्छी थी। किसान बंपर उत्पादन की उम्मीद लगा रहे थे, लेकिन खड़ी फसल पर कीटों के हमले ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। भूरा हापर रोग […]

पन्नाOct 23, 2024 / 06:58 pm

Anil singh kushwah

कीट लगने से धान की 50 फीसदी फसल चौपट, सर्वे कराने भटक रहे किसान

कीट लगने से धान की 50 फीसदी फसल चौपट, सर्वे कराने भटक रहे किसान
पवई. जिले में इस साल मानसून की जोरदार बारिश से धान की फसल अच्छी थी। किसान बंपर उत्पादन की उम्मीद लगा रहे थे, लेकिन खड़ी फसल पर कीटों के हमले ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। भूरा हापर रोग और इल्ली के हमले से पकने के पहले ही 50 फीसदी से अधिक धान की फसल खराब हो गई है। अब किसानों के लिए लागत निकालना मुश्किल हो रहा है। जिले के अधिकांश किसान धान की जगह पराली काटने को मजबूर हैं।
नहीं हो रही सुनवाई
धान की फसल खराब होने के कारण दिवाली से पहले जिले के किसान प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हैं। रोग से धान की फसल को जो नुकसान हुआ है, उसका सर्वे कराकर क्षतिपूर्ति दिलाने जिलेभर के किसान हाथ में खराब फसल लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैँ, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही।
अब पवई के किसानों ने सौंपा ज्ञापन
रोग लगने से चौपट धान की फसल का सर्वे कराने मंगलवार को पवई क्षेत्र के किसानों ने भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष राजदीप ङ्क्षसह के नेतृत्व में तहसील कार्यालय का घेराव किया। किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा, जिसमें धान की खराब हुई फसल का सर्वे कराने और उचित मुआवजा दिलाने की मांग की गई।
सर्वे कर मुआवजा दिया जाएगा
गांव-गांव जाकर धान की फसल का सर्वे करने आरआइ और पटवारियों को निर्देशित कर दिया है। किसानों को जो भी नुकसान हुआ है, सर्वे कर सूची मुआवजे के लिए शासन को भेजी जाएगी।
-प्रीति पंथी, तहसीलदार पवई
किसानों को करना होगा अब एनपीके का इस्तेमाल
रबी की बोवनी के लिए डीएपी खाद का इंतजार कर रहे किसानों को अब एनपीके का उपयोग करना होगा। क्योंकि सरकार डीएपी की जगह एनपीके उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। सोमवार को सागर में आयोजित एपीसी की संभागीय बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान ने स्पष्ट किया कि अब सहकारी समितियों को डीएपी की जगह एनपीके खाद उपलब्ध कराई जाएगी। यह खाद डीएपी से अच्छी है।
खाद गोदाम में नहीं मिलेगी डीएपी
इसके उपयोग के लिए कृषि विभाग गांव-गांव किसानों के बीच जागरुकता अभियान चलाएं, जिससे किसान डीएपी के पीछे न भागें और एपनीके का उपयोग करें। बैठक में उर्वरक की उपलब्धता और उसकी मॉनीटङ्क्षरग पर विशेष जोर दिया गया। बैठक में कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, पशुपालन, डेयरी, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य पालन विभागों और इनसे संबंधित संस्थाओं की योजनाओं,कार्यक्रमों और गतिविधियों की जिलेवार समीक्षा की गई।

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