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जल ससांधन विभाग को बीस साल बाद मिले डिप्टी कलक्टर

सूरतगढ़. राज्य सरकार जल संसाधन विभाग में खाली पदों को भरने की तैयारी कर रही है, वही गत 20 वर्षों से स्वीकृत सात डिप्टी कलक्टर के खाली पद भर गए हैं। डीपीसी होने से जिलेदारों का डिप्टी कलक्टर का सपना पूरा हो गया है। इसको लेकर जल संसाधन विभाग के कर्मियों में उत्साह का माहौल है।

श्री गंगानगरSep 28, 2024 / 04:05 pm

Jitender ojha

-जल संसाधन विभाग में हुई जिलेदारों की डीपीसी, जिलेदारों के आधे से ज्यादा पद खाली

सूरतगढ़. राज्य सरकार जल संसाधन विभाग में खाली पदों को भरने की तैयारी कर रही है, वही गत 20 वर्षों से स्वीकृत सात डिप्टी कलक्टर के खाली पद भर गए हैं। डीपीसी होने से जिलेदारों का डिप्टी कलक्टर का सपना पूरा हो गया है। इसको लेकर जल संसाधन विभाग के कर्मियों में उत्साह का माहौल है।
राज्य में जल संसाधन विभाग 17.50 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र का संचालन करता है, जिसमें सिंचाई नहरों, तालाबों और बांधों का योगदान है। राजस्व वसूली के लिए इस विभाग में सिंचाई पटवारी, जिलेदार और डिप्टी कलक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 2001 के बाद से डिप्टी कलक्टर के पदों पर पदोन्नति नहीं हुए। जबकि विभाग में अनुभवी जिलेदार काम कर रहे थे। राज्य सरकार ने समय-समय पर नियमित डीपीसी के लिए परिपत्र जारी किए, लेकिन डीसीपी नहीं करवाई। इसका खमियाजा जिलेदार और सिंचाई पटवारियों को भुगतना पड़ा। हालही में राजस्थान अभियांत्रिकी अधीनस्थ सेवा(सिंचाई शाखा) नियम,१९६७ के नियम २४ के तहत गठित विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरड़ा की अध्यक्षता में हुई। इसमें नौ जिलेदारों के पदोन्नत को लेकर चर्चा हुई। इसमें सात जिलेदारों को डिप्टी कलक्टर के पद पर पदोन्नति के आदेश जारी हो गए। अब सात जिलेदार डिप्टी कलक्टर की कुर्सी पर बैठकर कार्य करेंगे। फिलहाल राज्य में जिलेदार के 31 में से 18 पद खाली हैं।
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अब होगा सही एमएसपी का निर्धारण

राजस्थान के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिले जल संसाधन विभाग के सबसे बड़े जिले हैं, जहां नहरों से सबसे अधिक कृषि सिंचित होती है। यहां से उत्पादित फसलों की जानकारी और समर्थन मूल्य भी इन जिलों के सिंचाई पटवारियों और जिलेदारों के जिन्स डाटा पर निर्भर करती है। पदोन्नति नहीं होने से अब एमएसपी का सही निर्धारित होगा।

डिप्टी कलक्टर के दायित्व

जल संसाधन विभाग में डिप्टी कलक्टर का मुख्य कार्य बाराबंदी तैयार करना, रबी और खरीफ की खतौनी का डाटा जांचना, पानी चोरी रोकना,सिंचाई विवादों का निपटारा करना और राजस्व वसूली के लिए कैम्प लगाना शामिल है।

विभागीय कर्मचारियों में खुशी का माहौल

जिलेदारों की पदोन्नति को लेकर विभागीय कर्मचारियों में खुशी का माहौल है। कर्मचारियों का कहना था कि लम्बे समय से जिलेदारों की पदोन्नति का मामला अटका हुआ था। डिप्टी कलक्टर लगने से सिंचाई विभाग का कार्य ओर आसान होगा। राजस्व वसूली के मामले में विभाग पिछड़ा हुआ है। डिप्टी कलक्टर के आने से वसूली का कार्य ओर तेज होगा। जिलेदार हरीश शर्मा ने बताया कि पदोन्नति करवाने के लिए विभागीय अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया गया था। लेकिन अब पदोन्नति मिली है। इसको लेकर उत्साह का माहौल है।
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डिप्टी कलक्टर पदों की स्थिति

सिंचाई उत्तर संभाग, हनुमानगढ़- 4 पद
इंगानप संगठन, बीकानेर -2 पद
सिंचाई क्षेत्र, चम्बल परियोजना कोटा-1 पद

पदोन्नति से मिलेगा फायदा

जिलेदारों की पदोन्नति का मामला लम्बे समय से अटका हुआ था। संगठन की ओर से कई बार अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए। अब जिलेदारों के डिप्टी कलक्टर के पद पर नियुक्तियां होने से सबकों लाभ मिलेगा।-मृगेन्द्र पाल जादौन, अध्यक्ष, राजस्थान पटवार संघ(सिंचाई), हनुमानगढ़

शीघ्र मिलेगी नियुक्तियां

विभाग में डिप्टी कलक्टर के सभी सात पद रिक्त पड़े थे। जिलेदारों की पदोन्नति करवाकर रिक्त पदों को भर दिया गया है। शीघ्र ही उन्हें नियुक्तियां दी जाएगी। इससे विभाग का कार्य ओर आसान होगा।-अमरजीत सिंह मेहरड़ा,मुख्य अभियंता,जल संसाधन विभाग, जयपुर

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