करौली जिले के करणपुर इलाके में पानी भरने जाती महिलाएं।
करौली. जिले में भीषण गर्मी के दौर में पानी की बड़ी समस्या चल रही है। करौली जिले का अधिकतर क्षेत्र माड के अन्तर्गत आता है। जहां हर साल गर्मी के दिनों में पेयजल की किल्लत बनी रहती है। सपोटरा, करणपुर क्षेत्र का अधिकतर इलाका पिछड़ा हुआ है। जहां पेयजल के लिए सरकारी स्तर पर कोई विशेष प्रबंध नहीं है। कुछ कुएं हैं जिनमें भी अब पानी रसातल में चला है। महिलाओं को ऊबड़-खाबड़ पथरीले रास्तों पर चलकर दूर-दूर से तपती दोपहरी में पानी लाना पड़ता है। यही हालत नादौती, गुढ़ाचन्द्रजी, मंडरायल क्षेत्र की है। यहां भी पानी की विकट समस्या है। करौली जिला मुख्यालय से मात्र 40 किमी की दूर पर चंबल नदी बहती है। सरकार ने चंबल परियोजना के तहत नादौती सहित कई गांवों में चंबल से पानी सप्लाई के लिए लाइन बिछा रखी है। लेकिन समुचित तरीके से जलापूर्ति नहीं होती। इन क्षेत्रों में कहीं तीन दिन तो कहीं सात दिन के अन्तराल में जलापूर्ति होती है। पानी के लिए आए दिन लेागों द्वारा प्रदर्शन करने, जाम लगाए जाते हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल रहा। करौली जिले में घर-घर नल योजना भी ठप चल रही है। पटोंदा सहित अन्य कई जगहों पर लाइन डल गई तो जलापूर्ति नहीं हो रही। कहीं लाइनों का टंकी से कनेक्शन नहीं हुआ है। वहीं नलकूप विद्युत कनेक्शन से वंचित हैं। करौली जिला मुख्यालय और हिण्डौन उपखंड के शहरी क्षेत्र में भी पेयजल आपूर्ति अक्सर गड़बड़ाती रहती है। इधर नादौती क्षेत्र में भीषण गर्मी के चलते क्षेत्र के अधिकांश गांवों में पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। पेयजल समस्या से त्रस्त कस्बा शहर के ग्रामीणों ने उपजिला कलक्टर के नाम ज्ञापन तहसीलदार डीडी. सारस्वत को सौंपा। ज्ञापन देने आए इंदरराज मीना, राधेश्याम मास्टर, कानसिंह गौड, झम्बल मीना, चेतराम मीना, कबूल खान, संजय मीना, रघुवीर सिंह आदि ग्रामीणों ने बताया कि गांव में गत करीब दो सप्ताह से अधिक समय से जलापूर्ति बंद पड़ी है। जिससे भीषण गर्मी के मौसम में गांव में पेयजल का गंभीर संकट गहरा गया है। लोग एक हजार रुपए से अधिक में टैंकर खरीद कर पानी पी रहे हैं। वहीं गरीब जरूरतमंद लोग दूर दराज से लाकर पानी पीने को मजबूर हंै। विभागीय अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। लोगों ने बताया कि महिलाओं को सुबह उठते ही चिलचिलाती धूप में पानी लेने के लिए दूर-दूर जाना पड़ता है। गांवों में जलस्रोत सूख चुके हैं। मवेशियों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। ज्ञापन देने आए ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि शीघ्र ही पेयजल समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में रामावतार बैस, सुनील कुमार, रमाकांत शर्मा, सतीश मिश्रा, रवि मीना आदि शामिल रहे।