भीषण गर्मी के इस दौर में महात्मा गांधी अस्पताल के ब्लड बैंक के हालात रक्त संग्रहण के मामले में ठीक नहीं है। भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले को रक्त आपूर्ति करने में यह नम्बर वन है लेकिन रक्तदान लेने में पिछड़ता नजर आ रहा है। इसका कारण यह है कि स्वयंसेवी संगठन अब सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान करने से मुंह मोड़ने लगे हैं।
तथ्य सामने आया है कि अधिकांश संगठन निजी ब्लड बैंकों के माध्यम से रक्तदान शिविर लगवा रहे हैं और स्वैच्छिक रक्तदान भी वहीं करवा रहे हैं। यहीं कारण है कि निजी ब्लड सेंटरों का एक चौथाई हिस्सा ब्लड भी सरकारी ब्लड बैंक में नहीं है। दुर्लभ रक्त भी ना के बराबर है।
ब्लड बैंकों में 1032 यूनिट रक्त भीलवाड़ा शहर के चारोंं ब्लड बैंकों में कूल 1032 यूनिट ब्लड है। इसमें महात्मा गांधी चिकित्सालय में महज 61 यूनिट है। इसके अलावा अरिहंत हॉस्पिटल में 229, रामस्नेही हॉस्पिटल में 477, भीलवाड़ा ब्लड सेंटर में 265 यूनिट रक्त उपलब्ध है। सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में सरकारी में भर्ती मरीजों को नि:शुल्क रक्त दिया जाता है लेकिन अभी जो स्टॉक है वह भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले को छोड़ अकेले भीलवाड़ा शहर के लिए भी पर्याप्त नहीं है। ऐसे में एमजीएच ब्लड बैंक 14 जून को आने वाले विश्व रक्तदाता दिवस पर लगने वाले रक्तदान शिविरों से रक्त कोष पुरा होने की आस लगाए बैठा है।
यह है िस्थति अस्पताल का नाम ग्रुप ओ ओ- ए ए- बी बी- एबी एबी- कुल महात्मा गांधी हॉस्पिटल 09 0 03 0 19 3 27 0 61 अरिहंत हॉस्पिटल 75 7 24 3 106 5 8 1 229
रामस्नेही हॉस्पिटल 156 2 66 3 204 4 38 1 47 भीलवाड़ा ब्लड सेंटर 73 6 36 5 100 5 34 6 26 कुल 313 15 129 11 429 17 107 8 1032