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हाथियों से उत्पात से आक्रोशित ग्रामीणों ने रेंजर के वाहन पर किया पथराव

अनूपपुर. जिले के वन परिक्षेत्र अनूपपुर तथा जैतहरी में एक माह से अधिक समय से दो हाथी निरंतर विचरण कर रहे हैं। हाथी आए दिन ग्रामीणों के मकान तथा फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे ग्रामीणों का गुस्सा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है और उनके सब्र का बांध भी टूटने लगा है। 14 जुलाई […]

अनूपपुरJul 18, 2024 / 12:06 pm

Sandeep Tiwari

अनूपपुर. जिले के वन परिक्षेत्र अनूपपुर तथा जैतहरी में एक माह से अधिक समय से दो हाथी निरंतर विचरण कर रहे हैं। हाथी आए दिन ग्रामीणों के मकान तथा फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे ग्रामीणों का गुस्सा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है और उनके सब्र का बांध भी टूटने लगा है। 14 जुलाई की रात हाथियों के गांव के समीप पहुंचने पर अनूपपुर रेंजर के वाहन से गस्त व मुनादी की जा रही थी तभी ग्राम गौरेला के बड़का टोला में ग्रामीणों वाहन क्रमांक एमपी 65 टी 1391 में पथराव कर दिया। वाहन का सामने का कांच क्षतिग्रस्त हो गया है । बताया जाता है कि हाथियों के गांव के समीप पहुंचने पर रेंजर द्वारा वाहन के माध्यम से मुनादी कराई जा रही थी तभी छत पर छुप कर बैठे हुए ग्रामीणों ने वाहन पर पथराव कर दिया। वाहन चालक सहित वन कर्मचारी किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे। हालांकि अनूपपुर डीएफओ श्रद्धा पेंद्रे ने पथराव की घटना से इनकार किया है। उनका कहना है कि ग्रामीण छत पर खड़े होकर वन विभाग के वाहन को देख रहे थे तभी छत पर रखा हुआ पत्थर वाहन पर गिर गया। वहीं दूसरी ओर वाहन मालिक संजय पटले ने पथराव की घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना के बाद वाहन को मरम्मत के लिए भेजा गया है। इधर, हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। चार दिनों पूर्व 7 गांव के ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर 15 दिनों के भीतर हाथियों का रेस्क्यू न किए जाने पर जैतहरी मार्ग पर चक्का जाम करने के साथ ही कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी भी दी थी।
ट्रेन का हॉर्न बचने से विचलित हुए हाथी
इस मामले पर डीएफओ अनूपपुर ने बताया कि हाथी छत्तीसगढ़ की ओर जाना चाहते हैं। बीती रात हाथी 2 किलोमीटर तक रेलवे लाइन के किनारे चलते हुए गंतव्य की ओर जा रहे थे तभी ट्रेन के सायरन की वजह से वह विचलित हो गए। इसके बाद वन विभाग ने रेलवे को बुधवार की रात्रि 1 घंटे तक अनूपपुर बिलासपुर रेलवे लाइन पर ट्रेन के आवागमन को रोकने के लिए पत्र लिखा है। इसके साथ ही जंगल में ट्रेंच खुदवाया जा रहा है एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से दो प्रशिक्षित हाथियों की मांग की गई है जिससे कि दोनों हाथियों को रेस्क्यू कर ले जाया जा सके।
गस्त के दौरान वनरक्षक कुएं में गिरा

हाथियों का रेस्क्यू किए जाने के लिए लगातार वन विभाग तथा जिला प्रशासन कोशिश कर रहा है। हाथियों की गश्ती में लगे वन परिक्षेत्र जैतहरी के ठेही बीट के वनरक्षक राकेश शुक्ला ट्रेन के तेज हार्न की आवाज के कारण हाथियों के भागने पर उनसे बचने के लिए दौड़ लगाई और एक जगत विहीन कुएं में गिर गए। रात में ही वनविभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मदद से कुएं से बाहर निकाल कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैतहरी में उपचार कराया गया। उपचार बाद वनरक्षक खतरे से बाहर हैं।

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