ट्रेन का हॉर्न बचने से विचलित हुए हाथी
इस मामले पर डीएफओ अनूपपुर ने बताया कि हाथी छत्तीसगढ़ की ओर जाना चाहते हैं। बीती रात हाथी 2 किलोमीटर तक रेलवे लाइन के किनारे चलते हुए गंतव्य की ओर जा रहे थे तभी ट्रेन के सायरन की वजह से वह विचलित हो गए। इसके बाद वन विभाग ने रेलवे को बुधवार की रात्रि 1 घंटे तक अनूपपुर बिलासपुर रेलवे लाइन पर ट्रेन के आवागमन को रोकने के लिए पत्र लिखा है। इसके साथ ही जंगल में ट्रेंच खुदवाया जा रहा है एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से दो प्रशिक्षित हाथियों की मांग की गई है जिससे कि दोनों हाथियों को रेस्क्यू कर ले जाया जा सके।
इस मामले पर डीएफओ अनूपपुर ने बताया कि हाथी छत्तीसगढ़ की ओर जाना चाहते हैं। बीती रात हाथी 2 किलोमीटर तक रेलवे लाइन के किनारे चलते हुए गंतव्य की ओर जा रहे थे तभी ट्रेन के सायरन की वजह से वह विचलित हो गए। इसके बाद वन विभाग ने रेलवे को बुधवार की रात्रि 1 घंटे तक अनूपपुर बिलासपुर रेलवे लाइन पर ट्रेन के आवागमन को रोकने के लिए पत्र लिखा है। इसके साथ ही जंगल में ट्रेंच खुदवाया जा रहा है एवं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से दो प्रशिक्षित हाथियों की मांग की गई है जिससे कि दोनों हाथियों को रेस्क्यू कर ले जाया जा सके।
गस्त के दौरान वनरक्षक कुएं में गिरा हाथियों का रेस्क्यू किए जाने के लिए लगातार वन विभाग तथा जिला प्रशासन कोशिश कर रहा है। हाथियों की गश्ती में लगे वन परिक्षेत्र जैतहरी के ठेही बीट के वनरक्षक राकेश शुक्ला ट्रेन के तेज हार्न की आवाज के कारण हाथियों के भागने पर उनसे बचने के लिए दौड़ लगाई और एक जगत विहीन कुएं में गिर गए। रात में ही वनविभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मदद से कुएं से बाहर निकाल कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जैतहरी में उपचार कराया गया। उपचार बाद वनरक्षक खतरे से बाहर हैं।