अन्नाद्रमुक महासचिव ने शंकर के वकील के आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि “द्रमुक प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में बात करती है, लेकिन वह पत्रकारों पर हमला करने पर उतारू हो जाती है और मौजूदा शासन में यह आम बात है।”पूर्व सीएम ने कहा, यूट्यूबर को अपमानजनक टिप्पणियां करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जबकि सत्तारूढ़ दल के नेता, जो इसी तरह के अपराधों में लिप्त हैं, खुलेआम घूम रहे हैं। देश के कानून के तहत सभी के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी व्यक्ति पुलिस के कानून को अपने हाथ में लेने को, स्वीकार नहीं करेगा।