पीएचई ने नल जल योजना के तहत तीन साल पूर्व थाटीपुरा में टंकी का निर्माण करवाया और पाइप लाइन भी डाली गई लेकिन एक दिन भी पानी की सप्लाई नहीं हो सकी, उससे पूर्व टंकी क्षतिग्रस्त होने लगी और पाइप लाइन गायब हो गई। इस टंकी को भरने के लिए बोर सफल नहीं हो सके इसलिए एक दिन भी टंकी में पानी नहीं भर सका है।
थाटी पुरा में अगर बिजली गुल हो गई तो करीब दो किमी दूर हार में स्थित खेती किसानी के लिए खोदे गए कुओं से पानी भरकर लाना पड़ता है। भीषण गर्मी में यहां रस्सी- बाल्टी से पानी खींचकर बर्तन भरने पड़ते हैं फिर उनको सिर पर रखकर गांव में लाना पड़ता है। तब कहीं पानी की पूर्ति हो पाती है।
- गांव की नल जल योजना शुरू नहीं होने पर दूसरे गांव के बोर से लेजम के द्वारा थाटीपुरा के सूखे कुएं में पानी भर रहे हैं। इसमें गांव के सक्षम लोगों ने मोटर डाली ली है, उनसे 300 रुपए महीना किराए पर पानी खरीद रहे हैं।
संजय जाटव, ग्रामीण - तीन साल पूर्व गांव में टंकी बनी थी, पाइप लाइन भी डाली गई थी लेकिन बाद में ठेकेदार पाइप लाइन खींचकर ले गया। गांव के लोग पानी के लिए बेहद परेशान हैं। सारे काम छोडकऱ पानी पर ही ध्यान रहता है।
बालिस्टर सिंह, ग्रामीण - गांव में पानी की समस्या लंबे समय से है। यहां एक भी हैडपंप नहीं हैं। फिलहाल तो कोर्ट सिरथरा के बोर से पानी आ रहा है लेकिन बिजली गुल होने पर काफी परेशानी होती है।
ललिता, ग्रामीण - चार किमी दूर कोर्ट सिरथरा से पानी गांव के सूखे कुआं में भर रहे हैं। इसमें गांव के ही कुछ लोगों ने मोटर डाली ली हैं, उनसे 300 रुपए महीने देकर पानी खरीद रहे हैं।
रामकटोरी, ग्रामीण
ग्राम पंचायत थाटीपुरा के सरपंच ब्रजेश जाटव का कहना है कि गांव में तीन साल पूर्व नल जल योजना के तहत टंकी बनाई थी, उससे पाइप लाइन भी जोड़ी गई लेकिन बोर फेल होने पर उसमें पानी नहीं भर सका। बाद में ठेकेदार पाइप लाइन खींचकर ले गया।
थाटीपुरा पंचायत में नल जल योजना का काम करने वाले ठेकेदार प्रजाबंधु ने बताया कि गांव में करीब आठ किमी तक पाइप लाइन बिछाई गई थी। लेकिन ढाई हजार मीटर पाइप लाइन चोरी हो गई। गांव में बोर सफल नहीं हुआ तो कोर्ट सिरथरा में बोर कराया, वहां से पाइप लाइन डालकर गांव के सूखे कुआं में पानी स्टोर कर रहे हैें। वहां से ग्रामीणों को पानी उपलब्ध हो रहा है।
पत्रिका: थाटीपुरा पंचायत में तीन साल पूर्व टंकी बन चुकी है फिर गांव वालों को पानी क्यों नहीं मिल पा रहा है।
ई ई: नल जल योजना का कार्य अभी चल रहा है, जल्द ही पूरा किया जाएगा।
पत्रिका: टंकी बनाने से पूर्व बोर नहीं कराया गया।
ई ई: गांव में पहले टंकी के निर्माण के लिए स्थल चयन किया, उसके बाद बोर कराया जो वहां पानी नहीं निकला, इसलिए गांव से दूर जल स्रोत से पानी की व्यवस्था की जा रही है।
पत्रिका: डेढ़ करोड़ रुपया खर्च होने के बाद भी योजना तीन साल से बंद पड़ी है क्यों।
ई ई: बंद नहीं हैं, कार्य प्रगति पर है। टंकी को देखने से लगता है लेकिन कोई भी संरचना शुरू होने पर दिखाई देती है।