मध्यान्ह भोजन में भी हो रही परेशानी वर्तमान में प्राथमिक तथा माध्यमिक विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन योजना संचालित है लेकिन पेयजल की व्यवस्था न होने से स्व सहायता समूहों को भी भोजन बनाने में परेशानी होती है। समूह में कार्यरत रसोइयों को काफी दूर से पानी लाना पड़ता है तब जाकर के मध्यान्ह भोजन बनता है। पानी विहीन 137 विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन के बाद छात्र-छात्राओं को विद्यालय परिसर के बाहर स्थित हैंड पंप तक पानी पीने के लिए जाना पड़ता है। बड़े बच्चे तो किसी तरह स्कूल के बाहर जाकर अपनी प्यास बुझा लेते हैं, लेकिन छोटे बच्चे पेयजल को लेकर परेशान होते हैं।
पुष्पराजगढ़ के स्कूलों में ज्यादा दिक्कत जिलेभर में पेयजल की समस्या से जूझ रहे सबसे ज्यादा विद्यालय पुष्पराजगढ़ विकासखंड में हैं। यहां 103 विद्यालयों में पानी समस्या बनी हुई है जिसके कारण यहां अध्यनरत विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही अनूपपुर विकासखंड में 17 विद्यालय पेयजल की समस्या से ग्रसित हैं। कोतमा विकासखंड में 9 विद्यालय तथा जैतहरी विकासखंड में 8 विद्यालयों में पेयजल की समस्या है। समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान अनूपपुर आर एस धुर्वे का कहना है कि जिन विद्यालयों में पेयजल की समस्या है, ऐसे विद्यालयों की सूची हमारे द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दी जा चुकी है। जल जीवन मिशन के तहत विद्यालयों में भी पेयजल की व्यवस्था बनाई जा रही है।
पानी लेने जाना पड़ता है 2 किमी दूर, मोहल्ले में सड़क व बिजली भी नहीं बिजुरी. इस भीषण गर्मी में बिजुरी नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत पेयजल की समस्या से भी स्थानीय रहवासी जूझना पड़ रहा हैं। नगर के अयोध्या बस्ती वार्ड में सड़क और बिजली भी नहीं है, जिसके कारण टैंकर को भी यहां तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 7 अंतर्गत अयोध्या बस्ती में स्थित बरटोला के वार्डवासी वर्तमान में पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। यहां लगभग 25 घरों में 140 की आबादी निवासरत है, जो विशेष संरक्षित कुरूकू जनजाति के लोग हैं। इन्हें अब तक यहां पेयजल सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। आज तक इस वार्ड में ना तो हैंडपंप लग पाया है और ना ही खराब सड़क पहुंच मार्ग होने के कारण टैंकर से ही पेयजल की आपूर्ति दी जा रही है। बरटोला के लोग प्रतिदिन 2 किलोमीटर दूर रेलवे लाइन के किनारे स्थित कुएं से पीने का पानी भरकर लाते है। इस तपन भरी गर्मी में यहां के लोगों को 2 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। स्थानीय पार्षद के साथ ही वार्डवासियों ने कई बार जल समस्या को दूर किए जाने की मांग की है।