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1 लाख किसानों के नामों में गफलत, आधार और भू-अभिलेख से नहीं हो रहे मेच

-सरकार की फॉर्मर रजिस्ट्री कार्ड बनाए जाने नई स्कीम के दौरान हुआ खुलासा
-राजस्व महा अभियान ३.० के दौरान सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और पन्ना जिले में यह स्थिति।

दमोहDec 18, 2024 / 11:56 am

आकाश तिवारी


आकाश तिवारी
दमोह. बुंदेलखंड के किसानों के फॉर्मर रजिस्ट्री कार्ड बनना शुरू हो गए हैं। सरल भाषा में कहें तो जैसे बैंकों में पेन कार्ड और अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड चलते हैं। ठीक उसी तरह सरकार अब किसानों का आधार बनाने जा रही है। इसे फार्मर रजिस्ट्री कार्ड नाम दिया है। इसमेंं किसानों की खेती संबंधी पूरी रिकार्ड रहेगा। हैरानी की बात यह है कि संभाग के सभी जिलों के लगभग १० लाख से ज्यादा किसानों के कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। असल में जमीन के दस्तावेज में दर्ज नाम और आधार कार्ड में दर्ज नाम अलग-अलग मिल रहे हैं, जिसे सॉफ्टवेयर नहीं ले रहा है। यह स्थिति सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना व निबाड़ी जिलों में सामने आ रही है। ऐसी स्थिति में लाखों किसानों के कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। यह खुलासा राजस्व अभियान ३.० के दौरान हुआ है। पड़ताल में सामने आया कि सरकार ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसमें किसानों के आधार नंबर लिए जा रहे हैं, लेकिन प्रक्रिया के दौरान जब भूमि संबंधी ऑप्शन आता है तो उसमें भू अभिलेख में दर्ज नाम और आधार कार्ड में दर्ज नाम अलग-अलग मिल रहे हैं।
-इस उदाहरण से समझे …………
प्रत्येक गांव में कार्ड बनाने के लिए एक सर्वेयर तैनात किया गया है। किसान इस युवा सर्वेयर के पास जाएगा। उसे अपनी जमीन की बही, समग्र और आधार नंबर देगा। सॉफ्टवेयर में जैसे आधार नंबर दर्ज होगा। उसी दौरान संबंधित के मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगी। इससे यह वेरिफाई हो जाएगा कि उक्त मोबाइल नंबर किसान का है। इसके बाद आधार में लगी फोटो और मौके पर मौजूद किसान की जांच होगी। इसके बाद भू अभिलेख रिकार्ड वाले ऑप्शन पर क्लिक किया जाएगा। यहां पर यदि किसान का नाम राम कुमार पटेल लिखा है और आधार में सिर्फ राम पटेल लिखा है तो सॉफ्टवेयर आगे की प्रक्रिया नहीं बढ़ाएगा और इसे मिसमेच करके पोर्टल बंद कर देगा।
-यह है उद्देश्य
किसानों को सरकारी योजनाओं का सही लाभ मिल सके और फर्जीवाड़े पर पूरी तरह से रोक लग सके। इसके लिए सरकार ने फॉर्मर रजिस्ट्री कार्ड बनाने की स्कीम तैयार की है। इसमें अब किसी भी तरह के फर्जीवाड़ा न होने के दावे किए जा रहे हैं।
यह होगी परेशानी
-केसीसी कार्ड नहीं बनेगा।
-खाद वितरण में लाभ नहीं मिलेगा।
-पीएम और सीएम सम्मान निधि नहीं मिलेगा।
-पेंशन योजना लागू हुई तो इसका लाभ नहीं मिलेगा।
-यह मिलेगा लाभ
-फॉमर रजिस्ट्री कार्ड से अब दस्तावेज दिखाने की नहीं पड़ेगी जरूरत।
-किसान से संबंधित सारी जानकारी रहेगी कार्ड में उपलब्ध।
-कितनी खाद चाहिए, कितना केसीसी ऋण मिलेगा। यह सभी इस कार्ड में तय होगा।
फैक्ट फाइल
सागर जिले में फॉर्मर रजिस्ट्री कार्ड की स्थिति

किसानों की संख्या 310914

यूनिक आइडी 36376

दमोह जिले में फॉर्मर रजिस्ट्री की स्थिति

किसानों की संख्या 2,05670
यूनिक आइडी 20718
ग्राम पंचायत ४६१
छतरपुर जिले में फॉर्मर रजिस्ट्री कार्ड की स्थिति

किसानों की संख्या 2,15०००
यूनिक आइडी 4,०००
ग्राम पंचायत 589

टीकमगढ़ जिले में फॉर्मर रजिस्ट्री कार्ड की स्थिति

किसानों की संख्या 1,72371
यूनिक आइडी 35345
ग्राम पंचायत 324
यह हैं विकल्प..
भू अभिलेख या आधार कार्ड में दर्ज नाम सुधारे जाएं।
या पटवरी को किसान के सत्यापन की छूट दी जाए

वर्शन
फॉर्मर रजिस्ट्री के संबंध में लगातार सूचित किया जा रहा है। इसे तकनीकी खराबी ही कहेंगे। उच्चाधिकारियों तक यह बात पहुंचाई जा चुकी है, जल्द इसमें सुधार होगा।
आरएल बागरी, एसडीएम दमोह

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