सिंहस्थ के पहले अखाड़ों में घमासान शुरू हो गया है। महंत सुरेश्वरानंद पुरी निवासी महामाया आश्रम ने चिमनगंज थाने में मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता जोशी निवासी नागचंद्रेश्वर मंदिर परिसर के नाम से लिखित शिकायत की। उन्होंने सेवक अश्विन चौधरी निवासी हरिद्वार उत्तराखंड के खिलाफ भी शिकायत की है। पुलिस ने देर रात दोनों के खिलाफ धारा 420/३४ में अपराध पंजीबद्ध किया है।
यह है मामला
महंत सुरेश्वरानंद पुरी के अनुसार गत दिनों महामंडलेश्वर मंदाकिनी दीदी मां ने मुझे पंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने का प्रलोभन दिया। झांसे में लेकर साढ़े 7 लाख रुपए नकद ले लिए और बाद में मुझे न पदवी मिली, न ही राशि अखाड़े मुख्यालय तक पहुंचाई। मैंने निरंजनी अखाड़े हरिद्वार मुख्यालय पर चर्चा की तो उन्होंने बताया कि किसी को भी महामंडलेश्वर बनाने के लिए राशि नहीं ली जाती है। न ही मेरे नाम से वहां कोई निर्णय हुआ है। मैंने अपने रुपए मांगे, तो मंदाकिनी दीदी पलट गई और कहा कि तुमने मुझे कोई पैसा नहीं दिया है। कई बार पैसे मांगे, लेकिन वह टालमटोल करती रहीं। वह मुझे झूठे केस में फंसा रही हैं। इसमें साध्वी का सहयोगी अश्विन चौधरी भी जिम्मेदार है।
टैंट-माइक वाले मांग रहे रुपए
बडऩगर रोड पर गत माह 7 दिवसीय 108 कुंडीय महायज्ञ और कन्या विवाह में टेंट, लाइट तथा माइक आदि व्यवस्था करने वाले लोग महामंडलेश्वर मंदाकिनी पुरी से रुपए की मांग रहे हैं। सूचना तो यह भी है कि कथा करने वाले भगवान बापू भी दक्षिणा की मांग कर रहे हैं। महामंडलेश्वर मंदाकिनी का कहना है कि भगवान बापू ने जनता के सामने मंच से 1 लाख की राशि हमें भेंट की थी।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्र पुरी बोले मामले की जांच करेंगे
मेरी जानकारी में मामला आया है कि संत सुरेश्वरानंद आत्मदाह करने की बात कर रहे हैं, तो मैं अहमदाबाद से तुरंत उज्जैन आया और 4 मई को उनकी संन्यास दीक्षा कराई। उन्होंने कहा कि योग्यता जांचने पर तुम्हें महामंडलेश्वर बना देंगे, लेकिन अब वे थाने पहुंचकर शिकायत कर रहे हैं। रुपए लेने की बात सामने आई है, लेकिन मुझे अधिक जानकारी नहीं है। मामले की जांच करेंगे, दोषियों को सजा मिलेगी।रवींद्र पुरी, अध्यक्ष, अखाड़ा परिषद
अन्य महामंडलेश्वर मुझसे जलते हैं…
पिछले माह निरंजनी अखाड़े में 108 कुंडीय यज्ञ और कन्या विवाह मैंने कराया था, जिसमें संत सुरेश्वरानंद ने खुद आकर रुपए दिए थे कि ये राशि मैं कन्याओं को भेंट स्वरूप दे रहा हूं। अब जब पैसे मांग रहे हैं, तो मैं वो देने को तैयार हूं। वो क्या आत्मदाह करेंगे, उन्होंने मेरी इतनी बदनामी कर दी, कि मैं आत्मदाह की सोच रही हूं। उन्होंने कहा कि शहर के अन्य महामंडलेश्वर मुझसे और मेरी चेलियों और शिष्यों से जलते हैं। हम समाज में यदि कोई गरीब बेटी का विवाह करते हैं, तो उसमें ये लोग अड़चन डालते हैं। मंदाकिनी पुरी, महामंडलेश्वर, निरंजनी अखाड़ा
मंदाकिनी दीदी मां ने मुझे प्रलोभन दिया
महामंडलेश्वर मंदाकिनी दीदी मां ने मुझे पंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलाने का प्रलोभन दिया था। झांसे में लेकर मुझसे साढ़े 7 लाख रुपए नकद ले लिए। मुझे अब तक न पदवी मिली, न ही राशि अखाड़े मुख्यालय तक पहुंचाई।महंत सुरेश्वरानंद पुरी