समाचार

इस बीमारी का जोखिम होगा दोगुना इसलिए लाइफस्टाइल हो ऐसी कि चिंता न हो हावी

चिंता से पार्किंसंस बीमारी होने का जोखिम दोगुना होता है।

जयपुरJul 08, 2024 / 08:12 am

sangita chaturvedi

चिंता से पार्किंसंस बीमारी होने का जोखिम दोगुना होता है।

आज के दौर में ज्यादातर लोगों की लाइफस्टाइल ही ऐसी है कि किसी न किसी चीज की चिंता रहती ही है, लेकिन हमेशा चिंतित रहना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। या यूं कहें कि चिंता दिमाग पर हावी नहीं होनी चाहिए। दरअसल हाल ही एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि चिंता से पार्किंसंस बीमारी होने का जोखिम दोगुना होता है। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के शोधकर्ताओं ने इस बारे में खुलासा किया है। यूसीएल के डॉ. जुआन बाजो के मुताबिक चिंता को पार्किंसंस बीमारी का शुरुआती चरण माना जाता है। 109,435 मरीजों पर यह रिसर्च की गई।
पार्किंसंस बीमारी 14.2 मिलियन लोगों को प्रभावित करेगी

डॉ. जुआन का कहना है कि चिंता और अन्य लक्षण 50 साल की उम्र से ज्यादा लोगों में पार्किंसंस बीमारी को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि 2040 तक पार्किंसंस बीमारी 14.2 मिलियन लोगों को प्रभावित करेगी। बहरहाल इस स्टडी के बाद सतर्क हो जाएं, खासतौर पर महिलाएं, क्योंकि वे छोटी-छोटी बात को दिल पर ले लेती हैं। इसलिए इमोशनल वेलबीइंग पर ध्यान दें।
माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन टेक्नीक

एंग्जायटी को मैनेज करें। तनाव प्रबंधन तकनीक को अपने जीवन में लागू करें। माइंडफुलनेस और रिलैक्सेशन टेक्नीक से चिंता और तनाव को काबू किया जा सकता है।

Hindi News / News Bulletin / इस बीमारी का जोखिम होगा दोगुना इसलिए लाइफस्टाइल हो ऐसी कि चिंता न हो हावी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.