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स्वच्छता अभियान की हकीकत; गली-गली दौड़ रहे वाहन फिर भी 70 फीसदी कचरा सड़कों पर

सपने गार्बेज फ्री सिटी के… हकीकत सिर्फ 30 फीसदी घरों से हो रहा कचरा कलेक्शन पन्ना. शहर को गार्बेज फ्री सिटी बनाने नगर पालिका प्रशासन गली-गली कचरा वाहन दौड़ा रहा है, लेकिन कचरा कलेक्शन की जमीनी हकीकत यह है कि अभी भी शहर के 70 फीसदी लोग सड़क और नाली में कचरा फेंक रहे हैं। […]

पन्नाNov 04, 2024 / 07:18 pm

Anil singh kushwah

स्वच्छता अभियान की हकीकत; गली-गली दौड़ रहे वाहन फिर भी 70 फीसदी कचरा सड़कों पर

सपने गार्बेज फ्री सिटी के… हकीकत सिर्फ 30 फीसदी घरों से हो रहा कचरा कलेक्शन
पन्ना. शहर को गार्बेज फ्री सिटी बनाने नगर पालिका प्रशासन गली-गली कचरा वाहन दौड़ा रहा है, लेकिन कचरा कलेक्शन की जमीनी हकीकत यह है कि अभी भी शहर के 70 फीसदी लोग सड़क और नाली में कचरा फेंक रहे हैं। अल सुबह से दोपहर तक गली-गली स्वच्छता गीत बजाने वाले स्वच्छता वाहन को शहर के महज 30 फीसदी घरों से ही कचरा मिल रहा है। कचरा कलेक्शन के नाम पर नपा प्रशासन हर माह लाखों रुपए बर्बाद कर रहा है, लेकिन स्वच्छता को लेकर लोगों की गैर जवाबदेही से गार्बेज फ्री सिटी का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
बाजार की दो बार सफाई फिर भी कचरा
शहर के मुख्य मार्गों और बाजार क्षेत्र में नपा प्रशासन सुबह और दोपहर दो बार झाडू लगवाता है। इसके बावजूद बाजार कचरा मुक्त नहीं हो पा रहा है। नपा के सफाई कर्मचारियों का कहना है कि वह नाली और सड़क पर डंप कचरा उठाकर रोज उठाते हैं। लेकिन जैसे ही कचरा उठता है कुछ ही देर में व्यापारी फिर से दुकान का कचरा सड़क पर डंप कर देते हैं। इससे दो बार सफाई करने के बाद भी बाजार कचरामुक्त नहीं हो पा रहा है।
28 वार्ड, 16 कचरा वाहन
शहर में कुल 28 वार्ड हैं। यहां से डोर-टु-डोर कचरा उठाने के लिए नगर पालिका प्रशासन के पास 16 वाहन हैं। नपा घरों से कचरा उठाने के लिए दो वार्डों के बीच एक वाहन दौड़ा रहा है। इससे भी कचरा कलेक्शन का काम प्रभावित हो रहा है। स्वच्छता शाखा के अधिकारियों का कहना है कि जहां पर सुबह देरी से वाहन पहुंचते हैं, वहां की महिलाएं कचरा वाहन का इंतजार करने की बजाय घर से निकला कचरा सड़क और नाली में फेंक देती हैं। इससे वाहन दौडऩे के बाद भी कॉलोनियों की सड़कें और नाली कचरादान बने हुए हैं।
अधिकारी बोले
घरों से निकले कचरे को कलेक्ट करने डोर-टु-डोर कचरा वाहन दौड़ाए जा रहे हैं, लेकिन शहर के लोगों की मानसिकता अभी भी सड़क पर कचरा डालने की है। इसलिए कचरा कलेक्शन अभियान सफल नहीं हो पा रहा। बाजार क्षेत्र को स्वच्छ रखने व्यापारियों को दुकानों के बाहर डस्टबिन रखने जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके बावजूद 70 फीसदी से अधिक दुकानों में आज भी डस्टबिन नहीं हैं। सभी पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसलिए अभी समझाइश दी जा रही है।
-वीरेंद्र चौरसिया, स्वच्छता प्रभारी नगर पालिका पन्ना

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