राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ऋषिकेश पटेल ने शनिवार को गीर सोमनाथ जिले के वेरावल स्थित श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय में नए छात्रावास और नटेश्वर रंगमंच का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्कृत भाषा के ज्ञान और उसके प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि वेद, पुराण और उपनिषदों में समाज जीवन के लिए ज्ञान का भंडार है। इन ग्रंथों को संस्कृत में लिखा गया है, इसलिए इन्हें जनहित में लाना आवश्यक है। एक समय इजरायल की हिब्रू भाषा विलुप्त होने की कगार पर थी, लेकिन प्रयासों से इसे पुनर्जीवित किया गया। इसी प्रकार हमारी संस्कृति के ज्ञान को समाज के लिए उपयोगी बनाना आवश्यक है।
पटेल ने यह भी कहा कि संस्कृत केवल शैक्षणिक विषय नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे जीवन की आवश्यकताओं से जोड़ा जाना चाहिए। राज्य सरकार इस दिशा में सभी आवश्यक सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने समाज में संस्कृत बोलने वालों की संख्या बढ़ाने का भी आह्वान किया, ताकि लोग इसे गर्व के साथ बोल सकें।
उन्होंने कहा कि संस्कृत का पुनर्जागरण आवश्यक है और इसे ज्ञानवर्धक व समाज उपयोगी बनाना चाहिए। पटेल ने वर्ष 1951-52 में सोमनाथ ट्रस्ट की स्थापना के साथ संस्कृत के प्रचार-प्रसार के संकल्प की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि 2005-06 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री रहते हुए सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुकांत कुमार सेनापति ने स्वागत भाषण दिया और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का उल्लेख किया। समारोह में विश्वविद्यालय की ओर से प्रकाशित दो पुस्तकों ‘संस्कृतेवृत्तवसरा:’ और ‘श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय के वार्षिक रिपोर्ट’ का विमोचन भी किया।
समारोह में विधायक भगवान बारड, वेरावल -पाटण संयुक्त नगर पालिका की अध्यक्ष पल्लवी जानी समेत कई लोग उपस्थित रहे।