– इस मामले में 3 राजस्व निरीक्षक व 3 पटवारी हुए थे निलंबित, मुख्य आरोपी अब लपेटे में आए – सरकार ने प्रशासन से कहा, डिजिटल तरीके से तैयार की जाए चार्जशीट, बाकी अभिलेख भी मांगे
– इस जमीन की कीमत 1500 करोड़ से ज्यादा आंकी गई, जमीन गलत तरीके से बांटने के हैं आरोप राजगढ़ क्षेत्र के टहला में सरकारी जमीन के हुए बंदरबाट मामले में अब सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। जमीन आवंटन के मुख्य दोषियों को चार्जशीट जारी होगी, उसी का प्रारूप सरकार ने प्रशासन से मांगा है। ये चार्जशीट डिजिटल तरीके से तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि एक आरएएस अधिकारी समेत दो तहसीलदार इस मामले में नपेंगे। साथ ही सफेदपोश लोगों की गर्दन तक भी सरकार के हाथ पहुंच सकते हैं। सरकार ने इस प्रकरण से जुड़े पूरे रिकॉर्ड मांगे हैं। प्रशासन अब चार्जशीट तैयार करने में जुटा है। संबंधित आरोपियों के जवाब आने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।
इस तरह दी गई थी जमीन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2021 में प्रशासन गांवों के संग अभियान चलाया था। उस दौरान भूमिहीन लोगों को जमीन का आवंटन हुआ था। करीब 2500 हैक्टेयर जमीन का आवंटन टहला इलाके में किया गया। वर्ष 2022 में आरोप लगे कि जमीन का आवंटन गलत हुआ। इस मामले को पहले दबाया गया, लेकिन मार्च 2023 में जांच शुरू हो गई। परिणाम निकला कि प्रशासन ने सभी जमीन के आवंटन निरस्त कर दिए। साथ ही खातेदारी भी रद्द कर दी। इस मामले में तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार का तबादला कर दिया गया। साथ ही 3 राजस्व निरीक्षक समेत 6 लोगों को निलंबित किया गया।
दोबारा हुई शिकायत तो फिर सरकार हुई सक्रिय इस कार्रवाई से भी तमाम लोग संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने प्रदेश में निजाम बदलते ही भाजपा सरकार को शिकायत भेज दी। अब नए सिरे से जानकारियां सरकार जुटा रही है। बताया जा रहा है कि इस मामले के मुख्य आरोपी अब गिरफ्त में आएंगे। उनको चार्जशीट जारी करने की पूरी तैयारी हो गई है। प्रशासन पूरे प्रकरण से जुड़ी फाइल को डिजिटल रूप देकर सरकार को भेजने की तैयारी में है।
जमीन आवंटन के मामले की हुई जांच में जो लोग दोषी मिले हैं, उनको चार्जशीट जारी करने के निर्देश मिले हैं। यह चार्जशीट तैयार करके सरकार को भेजेंगे। वहां से आगे की कार्रवाई होगी।
– वीरेंद्र वर्मा, एडीएम प्रथम