पार्षदों की फिर होगी बाड़ाबंदी
सभापति सुमित रिणवा के मनोनीत होने के बाद पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ ने हाइकोर्ट के समक्ष सभापति के पद का अतिरिक्त चार्ज देने का आग्रह किया था। यह मामला विचाराधीन है। मामला हाइकोर्ट में जाने पर विधायक गणेशराज बंसल के निर्देशानुसार सभापति सुमित रिणवा की ओर से मंडावा में पार्षदों को बाड़ाबंदी की गई और गत २९ दिसंबर २०२३ को पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ के खिलाफ अविश्वास पारित किया गया। इसके चलते पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ को इस पद से हटना पड़ा। वर्तमान में राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से ०९ जलाई को उपसभापति पद के लिए भी उपचुनाव करवाए जा रहे हैं।
सभापति सुमित रिणवा के मनोनीत होने के बाद पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ ने हाइकोर्ट के समक्ष सभापति के पद का अतिरिक्त चार्ज देने का आग्रह किया था। यह मामला विचाराधीन है। मामला हाइकोर्ट में जाने पर विधायक गणेशराज बंसल के निर्देशानुसार सभापति सुमित रिणवा की ओर से मंडावा में पार्षदों को बाड़ाबंदी की गई और गत २९ दिसंबर २०२३ को पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ के खिलाफ अविश्वास पारित किया गया। इसके चलते पूर्व उपसभापति अनिल खीचड़ को इस पद से हटना पड़ा। वर्तमान में राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से ०९ जलाई को उपसभापति पद के लिए भी उपचुनाव करवाए जा रहे हैं।
विधायक के खेमे में 53 पार्षद
विधायक गणेश राज बंसल के खेमे ५३ पार्षद हैं। इनके खेमे में भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय पार्षद शामिल हैं।
सूत्रों की माने तो नंवबर में निकाय चुनाव होने के कारण के कारण कई पार्षद अपना खेमा भी बदल सकते हैं। सच्चाई तो ८ व ९ जुलाई को सभापति व उपसभापति चुनाव को लेकर होने वाले मतदान के दौरान ही सामने आएगी।
विधायक गणेश राज बंसल के खेमे ५३ पार्षद हैं। इनके खेमे में भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय पार्षद शामिल हैं।
सूत्रों की माने तो नंवबर में निकाय चुनाव होने के कारण के कारण कई पार्षद अपना खेमा भी बदल सकते हैं। सच्चाई तो ८ व ९ जुलाई को सभापति व उपसभापति चुनाव को लेकर होने वाले मतदान के दौरान ही सामने आएगी।
निरस्त हो सकते हैं उपचुनाव
जानकारों की माने तो हनुमानगढ़ नगर परिषद क्षेत्र में निकाय चुनाव को लेकर छह माह से भी कम का समय शेष है। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग उपचुनाव कराने के निर्णय को टाल भी सकता है।
जानकारों की माने तो हनुमानगढ़ नगर परिषद क्षेत्र में निकाय चुनाव को लेकर छह माह से भी कम का समय शेष है। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग उपचुनाव कराने के निर्णय को टाल भी सकता है।