किसानों को उठानी पड़ेगी परेशानी
मामले को लेकर पत्रिका से चर्चा में किसान संजय लिल्हारे ने बताया कि उन्होंने लिंगा सोसायटी में पंजीयन करवाया तो जिला बालाघाट तो दिखा रहा है, लेकिन तहसील बैहर शो हो रहा है। उनके समक्ष दुविधा खड़ी हो गई है कि उनकी उपज वे लिंगा सोसायटी में ही विक्रय कर पाएंगे या उन्हें 70 से 75 किमी दूर बैहर जाना पड़ेगा। इसी तरह किसान नेता राणा और किसान तेजलाल लिल्हारे पंजीयन के नाम पर छलवा किए जाने के आरोप लगाते हुए पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र इसी तरह की स्थिति का पटाक्षेप किए जाने की मांग की है।
मामले को लेकर पत्रिका से चर्चा में किसान संजय लिल्हारे ने बताया कि उन्होंने लिंगा सोसायटी में पंजीयन करवाया तो जिला बालाघाट तो दिखा रहा है, लेकिन तहसील बैहर शो हो रहा है। उनके समक्ष दुविधा खड़ी हो गई है कि उनकी उपज वे लिंगा सोसायटी में ही विक्रय कर पाएंगे या उन्हें 70 से 75 किमी दूर बैहर जाना पड़ेगा। इसी तरह किसान नेता राणा और किसान तेजलाल लिल्हारे पंजीयन के नाम पर छलवा किए जाने के आरोप लगाते हुए पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र इसी तरह की स्थिति का पटाक्षेप किए जाने की मांग की है।
शिकायत पर भी नहीं निराकरण
पूरे मामले में सोसायटी पदाधिकारी और किसानों का कहना है कि पंजीयन पोर्टल से लिंगा ग्राम नहीं दिखने पर 14 अक्टूबर से पंजीयन कार्य रोक दिया गया। पूरे मामले में जिला खाद् आपूर्ती अधिकारी और जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक को अवगत भी कराया गया। लेकिन समस्या का निराकरण न करवाते हुए उन्होंने बैहर के नाम पर ही पंजीयन करने के मौखिक आदेश जारी कर दिए। 19 अक्टूबर को पुन: पोर्टल पर पंजीयन कार्य शुरू करने पर अब स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। बताया गया कि इस सोसायटी में 600 किसान दर्ज है, लेकिन समय सीमा निकल जाने के बाद भी 436 किसानों के ही पंजीयन हो पाए हैं।
पूरे मामले में सोसायटी पदाधिकारी और किसानों का कहना है कि पंजीयन पोर्टल से लिंगा ग्राम नहीं दिखने पर 14 अक्टूबर से पंजीयन कार्य रोक दिया गया। पूरे मामले में जिला खाद् आपूर्ती अधिकारी और जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक को अवगत भी कराया गया। लेकिन समस्या का निराकरण न करवाते हुए उन्होंने बैहर के नाम पर ही पंजीयन करने के मौखिक आदेश जारी कर दिए। 19 अक्टूबर को पुन: पोर्टल पर पंजीयन कार्य शुरू करने पर अब स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। बताया गया कि इस सोसायटी में 600 किसान दर्ज है, लेकिन समय सीमा निकल जाने के बाद भी 436 किसानों के ही पंजीयन हो पाए हैं।
जानकारों के मत-
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मार्यादित बालाघाट से जुड़े जानकरों की माने तो पूरे मामले में तकनीकि गड़बड़ी सामने आ रही है, जो कि भोपाल स्तर से ही सुधारी जा सकती है। पंजीयन पोर्टर से लिंगा का राजस्व डाटा नहीं दर्शाने के कारण लिंगा के किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसानों को किस्त कटौती, गिरदावरी कार्य, खरीदी व भुगतान जैसी प्रक्रियाओं के समय भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बहरहाल सैकड़ो किसान और सोसायटी के अधिकारी-कर्मचारियों के बीच हडक़ंप मचा हुआ है।
वर्सन
सैकड़ो किसानों के भविष्य से जुड़ा यह मामला रहस्यमयी होने के साथ और भी पेचीदा होते जा रहा है। इस गंभीर मामले में सैकड़ो किसानों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है, ये भी तय नहीं है कि कब तक इस परेशानी से किसानों को निजात मिलेगी। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है। आलम यह है जैसे सबको सांप सूंघ गया हो।
एस राणा, किसान नेता
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मार्यादित बालाघाट से जुड़े जानकरों की माने तो पूरे मामले में तकनीकि गड़बड़ी सामने आ रही है, जो कि भोपाल स्तर से ही सुधारी जा सकती है। पंजीयन पोर्टर से लिंगा का राजस्व डाटा नहीं दर्शाने के कारण लिंगा के किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में किसानों को किस्त कटौती, गिरदावरी कार्य, खरीदी व भुगतान जैसी प्रक्रियाओं के समय भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। बहरहाल सैकड़ो किसान और सोसायटी के अधिकारी-कर्मचारियों के बीच हडक़ंप मचा हुआ है।
वर्सन
सैकड़ो किसानों के भविष्य से जुड़ा यह मामला रहस्यमयी होने के साथ और भी पेचीदा होते जा रहा है। इस गंभीर मामले में सैकड़ो किसानों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है, ये भी तय नहीं है कि कब तक इस परेशानी से किसानों को निजात मिलेगी। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा है। आलम यह है जैसे सबको सांप सूंघ गया हो।
एस राणा, किसान नेता
इस तरह का मामला हमारे सज्ञान में आया है। किसानों का पंजीयन तो हुआ है लेकिन वह बैहर क्षेत्र में दर्शा रहा है। मामले को लेकर हमने खाद् अधिकारी से भी चर्चा की थी। बैंक स्तर से भी भोपाल में पत्र व्यवहार किया है। शीघ्र ही समस्या का समाधान करवा लिया जाएगा।
आरसी पटले, महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित
आरसी पटले, महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित